Aarogya Anka

स्वस्थ जीवन आरोग्य अंक /आयुर्वेद के साथ

आयुर्वेद दुनिया का प्राचीनतम चिकित्सा प्रणाली है Ιऐसा माना जाता है की बाद मे विकसित हुई अन्य चिकित्सा पद्धतियों मे इसी से प्रेरणा ली गई है Ιकिसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करने के खासियत के कारण आज अधिकांश लोग आयुर्वेद के तरफ जा रहे हैΙइस लेख मे हम आयुर्वेद चिकित्सा से जुड़ी हर एक रोग और उसके इलाज के बारे मे बताएंगे Ιआयुर्वेद चिकित्सा के साथ सभी प्रकार के जड़ी -बूटी के बारे मे तथा आयुर्वेद के 8 प्रकारों से हर तरह के रोगों के इलाज के बारे मे बताया गया हैΙ सभी पोस्टों को पढे ओर जानकारी अवश्य ले ताकि आप भी अपना जीवन आरोग्य के साथ healthy बना सके| thanks . 

अमृतधारा की 17 दिव्य फायदे(Amritdhara ki fayde in hindi

अमृतधारा क्या है?Amritdhara kya hai

अमृतधारा आयुर्वेद कि बहुत ही जानी मानी औषधि है, जो कई बीमारियों का आसानी से उपचार कर देती है|

बदलते मौसम , गर्मी की ताप, लू, धूल भारी हवाओ, खान-पान मे गड़बड़ी के कारण सिरदर्द , उलटी, अपच,हैजा,दस्त,बुखार,शरीर मे दर्द, अजीर्ण जैसे रोग घेर लेते है|ऐसे मे आयुर्वेदिक औषधि ‘अमृतधारा’ इन रोगों मे रामबाण के तरह सहायक हो सकती है|

इस दवा की 2-4 बुँदे 1 कप सादे पानी मे डालकर पीने मात्र से ही तुरंत लाभ मिलता है|सिरदर्द हो, जहरीला ततैया काट ले तो इसे लगाने मात्र से ही ठीक हो जाता है|गले दर्द और सूजन मे इससे गरारे करने से तुरंत लाभ मिलता है|दवा पूरे परिवार के लिए लाभदायक है, क्युकी यह पूर्ण प्रकीर्तिक है|

अमृतधारा

अमृतधारा बनाने की विधि: Amritdhara banane ki vidhi

पहली विधि-

  1. सत पुदीना 
  2. सत अजवाइन 
  3. कपूर 

तीनों को बराबर मात्रा मे मिलाने से औषधि बन जाती है| एक कांच की शीशी मे तीनों को सं मात्रा मे मिलाकर ठंडे स्थान पर रखे| प्लास्टिक की शीशी मे इसे कदापि न रखे|

दूसरी विधि-

  1. 50 gm पिपरमेंट 
  2. 50 gm अजवाइन पाउडर 
  3. 50 gm लाल इलाईची
  4. 50 gm देशी कपूर 
  5. 20 ml लौंग का तेल 
  6. 20 ml दालचीनी का तेल 

सारी सामग्री को मिलाकर शीशी मे रख दे|

उपलब्धता-

यह दवा(अमृतधारा) औषधि किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के विक्रेता के यहा मिल सकता है, या इस दवा को अनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से खरीद जा सकता है| 

अमृतधारा के फायदे:Amritdhara ke fayde

अमृतधारा के फायदे-

  1. अमृतधारा कई बीमारियों मे दी जाती है, जैसे- बदहजमी ,हैजा,और सिरदर्द|
  2. थोड़े-से पानी मे 3-4 बूँद अमृतधारा की डालकर पिलाने से बदहजमी,पेट-दर्द, दस्त, उलटी ठीक हो जाती है|चक्कर आने भी ठीक हो जाते है|
  3. 1 चम्मच प्याज के रस मे 2 बूँद अमृतधारा डालकर पीने से हैजा मे फायदा होता है|
  4. अमृतधारा की 2 बूँद ललाट और कान के आस-पास मसलने से सिर दर्द मे फायदा होता है|
  5. मीठे तेल मे अमृतधारा मिलाकर छाती पर मालिश करने से छाती का दर्द ठीक हो जाता है|
  6. इसे सूंघने से जुकाम ठीक हो जाता है तथा साँस खुल के आता है|
  7. थोड़े-से पानी मे 1 बूँद अमृतधारा डालकर छालों पर लगाने से फायदा होता है|
  8. दाँत दर्द मे अमृतधारा को रुई मे लगाकर दाँत मे दबाने से राहत मिलती है|
  9. 4-5 बूँद अमृतधारा ठंडे पानी मे डालकर सुबह-शाम कुछ दिन पीने से श्वास,खाँसी, दमा और क्षय रोग मे फायदा होता है|
  10. आंवले के मुरब्बे मे 3-4 बूँद अमृतधार डालकर खिलाने से दिल के रोग मे राहत मिलती है|
  11. बताशे मे 2 बूँद अमृतधारा डालकर खाने से पेट के दर्द मे आराम मिलता है|
  12. भोजन के बाद दोनों वक्त ठंडे पानी मे 2-3 बूँद अमृतधारा डालकर पीने से मंदाग्नि, अजीर्ण,बादी ,बदहजमी एवं गैस ठीक हो जाते है|
  13. 10 gm गाय के मक्खन और 5 gm शहद मे 3 बूँद अमृतधारा मिलाकर प्रतिदिन खाने से शरीर की कमजोरी मे फायदा होता है|
  14. अमृतधारा की 1-2 बूँद जीभ मे रखकर, मुह बंद करके सूंघने से 4 मिनट मे हिचकी मे फायदा होता है|
  15. 10 gm नीम के तेल मे 5 बूँद अमृतधारा मिलाकर मालिश करने से , हर तरह की खुजली मे फायदा होता है|
  16. ततैया, बिच्छू , भवरा या मधुमक्खी के काटने के जगह पर अमृतधारा मलने से दर्द मे आराम मिलती है|
  17. 10 gm वैसलिन मे 4 बूँद अमृतधारा मिलाकर, शरीर के हर तरह के दर्द पर मालिश करने से दर्द मे फायदा होता है|फटी बिवाई या फटे होंठों पर लगाने से दर्द ठीक हो जाता है| तथा फटी चमड़ी जुड़ जाती है|
अमृतधारा क्या है?

अमृतधारा(amritdhara) आयुर्वेद कि बहुत ही जानी मानी औषधि है, जो कई बीमारियों का आसानी से उपचार कर देती है|

बदलते मौसम , गर्मी की ताप, लू, धूल भारी हवाओ, खान-पान मे गड़बड़ी के कारण सिरदर्द , उलटी, अपच,हैजा,दस्त,बुखार,शरीर मे दर्द, अजीर्ण जैसे रोग घेर लेते है|ऐसे मे आयुर्वेदिक औषधि ‘अमृतधारा’ इन रोगों मे रामबाण के तरह सहायक हो सकती है|

इस दवा की 2-4 बुँदे 1 कप सादे पानी मे डालकर पीने मात्र से ही तुरंत लाभ मिलता है|सिरदर्द हो, जहरीला ततैया काट ले तो इसे लगाने मात्र से ही ठीक हो जाता है|गले दर्द और सूजन मे इससे गरारे करने से तुरंत लाभ मिलता है|दवा पूरे परिवार के लिए लाभदायक है, क्युकी यह पूर्ण प्रकीर्तिक है|

पहली विधि-

  1. सत पैदीना 
  2. सत अजवाइन 
  3. कपूर 

तीनों को बराबर मात्रा मे मिलाने से औषधि बन जाती है| एक कांच की शीशी मे तीनों को सं मात्रा मे मिलाकर ठंडे स्थान पर रखे| प्लास्टिक की शीशी मे इसे कदापि न रखे|

दूसरी विधि-

  1. 50 gm पिपरमेंट 
  2. 50 gm अजवाइन पाउडर 
  3. 50 gm लाल इलाईची
  4. 50 gm देशी कपूर 
  5. 20 ml लौंग का तेल 
  6. 20 ml दालचीनी का तेल 

सारी सामग्री को मिलाकर शीशी मे रख दे|

अमृतधारा की 1-2 बूँद जीभ मे रखकर, मुह बंद करके सूंघने से 4 मिनट मे हिचकी मे फायदा होता है|

10 gm नीम के तेल मे 5 बूँद अमृतधारा मिलाकर मालिश करने से , हर तरह की खुजली मे फायदा होता है|

5/5 - (12 votes)
Scroll to Top