अमृतधारा क्या है?Amritdhara kya hai
अमृतधारा आयुर्वेद कि बहुत ही जानी मानी औषधि है, जो कई बीमारियों का आसानी से उपचार कर देती है|
बदलते मौसम , गर्मी की ताप, लू, धूल भारी हवाओ, खान-पान मे गड़बड़ी के कारण सिरदर्द , उलटी, अपच,हैजा,दस्त,बुखार,शरीर मे दर्द, अजीर्ण जैसे रोग घेर लेते है|ऐसे मे आयुर्वेदिक औषधि ‘अमृतधारा’ इन रोगों मे रामबाण के तरह सहायक हो सकती है|
इस दवा की 2-4 बुँदे 1 कप सादे पानी मे डालकर पीने मात्र से ही तुरंत लाभ मिलता है|सिरदर्द हो, जहरीला ततैया काट ले तो इसे लगाने मात्र से ही ठीक हो जाता है|गले दर्द और सूजन मे इससे गरारे करने से तुरंत लाभ मिलता है|दवा पूरे परिवार के लिए लाभदायक है, क्युकी यह पूर्ण प्रकीर्तिक है|
अमृतधारा बनाने की विधि: Amritdhara banane ki vidhi
पहली विधि-
- सत पुदीना
- सत अजवाइन
- कपूर
तीनों को बराबर मात्रा मे मिलाने से औषधि बन जाती है| एक कांच की शीशी मे तीनों को सं मात्रा मे मिलाकर ठंडे स्थान पर रखे| प्लास्टिक की शीशी मे इसे कदापि न रखे|
दूसरी विधि-
- 50 gm पिपरमेंट
- 50 gm अजवाइन पाउडर
- 50 gm लाल इलाईची
- 50 gm देशी कपूर
- 20 ml लौंग का तेल
- 20 ml दालचीनी का तेल
सारी सामग्री को मिलाकर शीशी मे रख दे|
उपलब्धता-
यह दवा(अमृतधारा) औषधि किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के विक्रेता के यहा मिल सकता है, या इस दवा को अनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से खरीद जा सकता है|
अमृतधारा के फायदे:Amritdhara ke fayde
अमृतधारा के फायदे-
- अमृतधारा कई बीमारियों मे दी जाती है, जैसे- बदहजमी ,हैजा,और सिरदर्द|
- थोड़े-से पानी मे 3-4 बूँद अमृतधारा की डालकर पिलाने से बदहजमी,पेट-दर्द, दस्त, उलटी ठीक हो जाती है|चक्कर आने भी ठीक हो जाते है|
- 1 चम्मच प्याज के रस मे 2 बूँद अमृतधारा डालकर पीने से हैजा मे फायदा होता है|
- अमृतधारा की 2 बूँद ललाट और कान के आस-पास मसलने से सिर दर्द मे फायदा होता है|
- मीठे तेल मे अमृतधारा मिलाकर छाती पर मालिश करने से छाती का दर्द ठीक हो जाता है|
- इसे सूंघने से जुकाम ठीक हो जाता है तथा साँस खुल के आता है|
- थोड़े-से पानी मे 1 बूँद अमृतधारा डालकर छालों पर लगाने से फायदा होता है|
- दाँत दर्द मे अमृतधारा को रुई मे लगाकर दाँत मे दबाने से राहत मिलती है|
- 4-5 बूँद अमृतधारा ठंडे पानी मे डालकर सुबह-शाम कुछ दिन पीने से श्वास,खाँसी, दमा और क्षय रोग मे फायदा होता है|
- आंवले के मुरब्बे मे 3-4 बूँद अमृतधार डालकर खिलाने से दिल के रोग मे राहत मिलती है|
- बताशे मे 2 बूँद अमृतधारा डालकर खाने से पेट के दर्द मे आराम मिलता है|
- भोजन के बाद दोनों वक्त ठंडे पानी मे 2-3 बूँद अमृतधारा डालकर पीने से मंदाग्नि, अजीर्ण,बादी ,बदहजमी एवं गैस ठीक हो जाते है|
- 10 gm गाय के मक्खन और 5 gm शहद मे 3 बूँद अमृतधारा मिलाकर प्रतिदिन खाने से शरीर की कमजोरी मे फायदा होता है|
- अमृतधारा की 1-2 बूँद जीभ मे रखकर, मुह बंद करके सूंघने से 4 मिनट मे हिचकी मे फायदा होता है|
- 10 gm नीम के तेल मे 5 बूँद अमृतधारा मिलाकर मालिश करने से , हर तरह की खुजली मे फायदा होता है|
- ततैया, बिच्छू , भवरा या मधुमक्खी के काटने के जगह पर अमृतधारा मलने से दर्द मे आराम मिलती है|
- 10 gm वैसलिन मे 4 बूँद अमृतधारा मिलाकर, शरीर के हर तरह के दर्द पर मालिश करने से दर्द मे फायदा होता है|फटी बिवाई या फटे होंठों पर लगाने से दर्द ठीक हो जाता है| तथा फटी चमड़ी जुड़ जाती है|
अमृतधारा क्या है?
अमृतधारा(amritdhara) आयुर्वेद कि बहुत ही जानी मानी औषधि है, जो कई बीमारियों का आसानी से उपचार कर देती है|
बदलते मौसम , गर्मी की ताप, लू, धूल भारी हवाओ, खान-पान मे गड़बड़ी के कारण सिरदर्द , उलटी, अपच,हैजा,दस्त,बुखार,शरीर मे दर्द, अजीर्ण जैसे रोग घेर लेते है|ऐसे मे आयुर्वेदिक औषधि ‘अमृतधारा’ इन रोगों मे रामबाण के तरह सहायक हो सकती है|
इस दवा की 2-4 बुँदे 1 कप सादे पानी मे डालकर पीने मात्र से ही तुरंत लाभ मिलता है|सिरदर्द हो, जहरीला ततैया काट ले तो इसे लगाने मात्र से ही ठीक हो जाता है|गले दर्द और सूजन मे इससे गरारे करने से तुरंत लाभ मिलता है|दवा पूरे परिवार के लिए लाभदायक है, क्युकी यह पूर्ण प्रकीर्तिक है|
अमृतधारा कैसे तैयार की जाती है?
पहली विधि-
- सत पैदीना
- सत अजवाइन
- कपूर
तीनों को बराबर मात्रा मे मिलाने से औषधि बन जाती है| एक कांच की शीशी मे तीनों को सं मात्रा मे मिलाकर ठंडे स्थान पर रखे| प्लास्टिक की शीशी मे इसे कदापि न रखे|
दूसरी विधि-
- 50 gm पिपरमेंट
- 50 gm अजवाइन पाउडर
- 50 gm लाल इलाईची
- 50 gm देशी कपूर
- 20 ml लौंग का तेल
- 20 ml दालचीनी का तेल
सारी सामग्री को मिलाकर शीशी मे रख दे|
हिचकी मे अमृतधारा के फायदे?
अमृतधारा की 1-2 बूँद जीभ मे रखकर, मुह बंद करके सूंघने से 4 मिनट मे हिचकी मे फायदा होता है|
खुजली मे अमृतधारा का इस्तेमाल कैसे करे?
10 gm नीम के तेल मे 5 बूँद अमृतधारा मिलाकर मालिश करने से , हर तरह की खुजली मे फायदा होता है|