Aarogya Anka

स्वस्थ जीवन आरोग्य अंक /आयुर्वेद के साथ

आयुर्वेद दुनिया का प्राचीनतम चिकित्सा प्रणाली है Ιऐसा माना जाता है की बाद मे विकसित हुई अन्य चिकित्सा पद्धतियों मे इसी से प्रेरणा ली गई है Ιकिसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करने के खासियत के कारण आज अधिकांश लोग आयुर्वेद के तरफ जा रहे हैΙइस लेख मे हम आयुर्वेद चिकित्सा से जुड़ी हर एक रोग और उसके इलाज के बारे मे बताएंगे Ιआयुर्वेद चिकित्सा के साथ सभी प्रकार के जड़ी -बूटी के बारे मे तथा आयुर्वेद के 8 प्रकारों से हर तरह के रोगों के इलाज के बारे मे बताया गया हैΙ सभी पोस्टों को पढे ओर जानकारी अवश्य ले ताकि आप भी अपना जीवन आरोग्य के साथ healthy बना सके| thanks . 

केला(Banana)- :बहुत ही गुणकारी:

केला:Banana:

केला फल ही नहीं रोगों से लड़ने वाला योद्धा है|इससे मस्तिष्क को सेरोटोनिन मिलती है| मानसिक रूप से परेशान व्यक्तियों के मस्तिष्क मे सेरोटोनिन की कमी होती है| केले मे यह कमी पूरी करने की अद्भुत क्षमता है|केले मे सोडीयम बहुत कम होता है तथा केलॉस्टरल बिल्कुल नहीं होता|अतः डाइटिंग करने वाले इसकी सेवन कर सकते है|

केले मे आवश्यक पोटैसियम होता है जो high ब्लड प्रेसर के नियंत्रण मे तथा कई तरह के हृदय रोगों मे फायदे मंद रहता है|केले आंतों की सड़न रोकता है| केले का कैल्सियम आंतों की सफाई करने मे अत्यंत प्रभावकारी भूमिका निभाता है|

केले का नियमित सेवन अनिंद्रा और कब्ज दूर करके पेशाब की जलन मिटाता है|केला पौष्टिक तत्वों से भरपूर रहता है|हरे केले मे स्टार्च काफी मात्रा (64-74%) मे तथा शर्करा कम (2%)  रहती है|परंतु पकने पर स्टार्च शर्करा(7-25%) मे बदल जाती है|

पके केले की विशिष्ट खुशबू उसमे उपस्तिथ एमाईल एसीटेट के कारण रहती है|कच्चा केला क्लोरोफिल के कारण हरा होता है|परंतु पकने पर एन्जाइमो की क्रिया से जैन्थोफिल तथा केरोटीन नामक पीले रसायनों मे बदल जाता है|

पके केले मे 70% पानी , 1.2% प्रोटीन, 0.2% वसा, 22-25% शर्करा तथा 1% रेसा रहता है|इसमे केल्सियम 17 mg , फास्फोरस 36 mg तथा iron 0.1 mg प्रति 100 gm  मे रहता है|इसमे विटामिन ‘ए’ 430 mg , थायमीन 0.09 mg , राइबोफ्लेविन 0.06 mg , नायसीन 0.6 mg तथा विटामिन ‘सी’ 10 mg प्रति 100 gm मे रहता है|100 gm केला 99 कैलोरी ऊर्जा देता है| केले के छिलके के नीचे विटामिन होते है , जो केले के पकने पर उसके गूदे मे चले जाते है|तथा छिलका पतला और चितिदार हो जाता है|

1. इसके कुछ विशेष फायदे :-

banana (केला)
  • पका केला ठंडा ,रुचिकर, मीठा,सुस्वाद,पुष्टिकारक,रक्तविकारनाशक , पथरी, रक्तपित दूर करने वाला , प्रदर एवं नेत्र रोग मिटाने वाला होता है|
  • केले मे फास्फोरस ज्यादा रहता है, जो मन-मस्तिष्क को शक्ति प्रदान करता है|
  • केले मे पैक्टिन नामक एक पदार्थ रहता है,जो मल को मुलायम बनाकर पेट को सफाई करता है|
  • केले के छिलके के अंदरवाला पतला मुलायम रेशा कब्ज दूर करके आंतों को ठीक रखता है|
  • केला क्षारधर्मी फल होने के कारण खून की अम्लता को दूर करके क्षरीयता बढ़ाता है|
  • केले के सेवन से बच्चों का वजन जल्दी बढ़ता है|कमजोर व्यक्तियों की पाचनशक्ति ठीक होती है|भूख ज्यादा लगने से वे जल्द ही हाष्ट-पुष्ट बनाते है|
  • बच्चों को दूध के साथ केला खिलाने से यह स्वास्थ वर्धक ,पुष्टिकारक तथा सुपाच्य रहता है|इसमे थोड़ा शहद मिलाकर खिलाया जाय तो संक्रामक रोग से भी बचाव होता है|
  • सुबह नाश्ते मे केला खाकर दूध पिन एक संतुलित तथा सम्पूर्ण आहार है|इसके सेवन से पित विकार दूर होते है|
  • केला उच्च रक्तचाप के नियंत्रण मे सहायक है| यह हृदयरोग,अतिसार और आँखों के लिए प्राकृतिक औषधि है|
  • स्कर्वीरोग मे पके केले का नित्य सेवन रामबाण औषधि है|यह अंतड़ियों मे विजातीय पदार्थों की सड़न रोकता है|
  • दही के साथ केले के सेवन से दस्त बंद हो जाता है|यह आंतों के प्रवाह मे आराम दिलाता है|आंत के रोगों को केला बिना आपरेशन के ही ठीक कर देता है| यह मात्र फल है जो पेट के जख्मों के रोगियों को दिया जा सकता है| यह पेट का अल्सर भी दूर करता है|
  • पेचिश मे केले को दही मे मथकर उसमे थोड़ा जीरा तथा कला नमक मिलाकर देने से फायदा होता है| अम्लता, पेट की जलन और पित मे केला खाना लाभदायक है|
  • मुंह मे छाले हो तो केला खाने से लाभ होगा|
  • नकसीर मे 2-3 पके केलो का गुदा , दूध तथा शक्कर मिलाकर पीने से आराम मिलता है|
  • पके केले को मंद आंच मे पकाकर नमक ,काली मिर्च मिलाकर दमा के रोगी को खिलाने से लाभ होता है|
  • जिन स्त्रियों को सफेद पानी की शिकायत हो उन्हे कुछ रोज नियमित 2-3 केले खाने से फायदा हो जायगा|
  • बार-बार पेशाब लग रहा हो तो बार -बार केला खाना चाहिए|
  • टाइफाईड बुखार उतरने के बाद छोटी इलाईची के चूर्ण के साथ रोगी को पकस केला खिलाना चाहिए|इससे बुखार से आई दुर्बलता दूर हो जाती है|
  • पीलिया रोग मे रोगी को कम-से-कम चार पके केले नित्य खाने चाहिए तथा कच्चे केले की सब्जी भी खानी चाहिए|
  • पेट मे जलन हो तो पक्का केला खाए|
  • सुबह दूध मे पक्का केला फेंटकर सेवन करना पुष्टिकारक एवं तृप्तिदायक आहार है|दुबले व्यक्तियों के यह वजह बढ़ाने मे मदत करता है|
  • आधा कप गाय के दही मे एक केला तथा छोटी इलाईची का चूर्ण मिलाकर दिन मे 2-3 बार चाटने से मुह के छाले ठीक हो जाते है|
  • पक केला शहद के साथ सुबह खाने से हृदय बलवान बनता है|दिल की धड़कन तथा दिल के दर्द मे लाभ होता है|
  • स्त्रियों के प्रदर रोग मे पका हुआ एक केला 5 gm  घी के साथ कुछ दिन सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है|
  • पके केले के लगातार सेवन से सुखी खांसी, गले की खरास तथा गुर्दों की कमजोरी दूर हो जाती है|
  • दाद,खाज, खुजली मे पके केले मे नींबू का रस मिलाकर मरहम बनाकर लगाए|
  • जलने पर केले का गुदा मरहम की तरह लगाने से जलन शांत होगी तथा फफोड़े नहीं पड़ेंगे|
  • पके केले के गूदे मे आटा मिलाकर पानी के साथ गूँथ ले; इसे गर्म करके सूजनवाले स्थानपर बांधने से सूजन दूर हो जाएगी|
  • चोटपर केले का छिलका बांधने से आराम मिलता है|घाव पर केले का पानी लगा कर पट्टी बांधने से घाव जल्दी भर जाता है|
  • जो  बच्चा मिट्टी खाता हो , उसे 5 गम शहद के साथ 1 केला प्रतिदिन खिलाए|इससे पेट की ,मिट्टी बाहर आ जाएगी तथा बच्चे की मिटती खाने की आदत छूट जाएगी|
  • बच्चा कांच की गोली, सिक्का आदि निगल जाय तो उसे केला खिलना चाहिए|
  • केले के तने का रस गुर्दे, लिवर तथा फेफड़े के रोगों मे लाभप्रद है|
  • खूनी दस्त तथा आँव मे दिन मे तीन बार केले के तने का रस 2-2 चम्मच पीने से लाभ होता है|
  • केले की जड़ कृमिनाशक, पौष्टिक, भूख बढ़ानेवाली, पथरी, पेचिश मे लाभकारी, मासिक धर्म- शोधक, मधुमेह तथा कुष्ट रोग का नाश करने वाली होती है|    

2. सावधानियाँ:-

केले को दिन मे ही खाना चाहिए, क्योंकि गर्मी मे यह जल्दी पचता है| रात मे खाया केला जल्दी हजम नहीं होता है|

खली पेट केला नहीं खाना चाहिए|खाने के बाद या भोजन के साथ ही इसे खाए|

केला खाकर पानी न पिए बल्कि दूध या छोटी इलाईची खाने से केला जल्दी हजम हो जाएगा|

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