Aarogya Anka

स्वस्थ जीवन आरोग्य अंक /आयुर्वेद के साथ

आयुर्वेद दुनिया का प्राचीनतम चिकित्सा प्रणाली है Ιऐसा माना जाता है की बाद मे विकसित हुई अन्य चिकित्सा पद्धतियों मे इसी से प्रेरणा ली गई है Ιकिसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करने के खासियत के कारण आज अधिकांश लोग आयुर्वेद के तरफ जा रहे हैΙइस लेख मे हम आयुर्वेद चिकित्सा से जुड़ी हर एक रोग और उसके इलाज के बारे मे बताएंगे Ιआयुर्वेद चिकित्सा के साथ सभी प्रकार के जड़ी -बूटी के बारे मे तथा आयुर्वेद के 8 प्रकारों से हर तरह के रोगों के इलाज के बारे मे बताया गया हैΙ सभी पोस्टों को पढे ओर जानकारी अवश्य ले ताकि आप भी अपना जीवन आरोग्य के साथ healthy बना सके| thanks . 

गुणकारी नींबू के विविध प्रयोग: uses of gukari nimbu in hindi:

नींबू का प्रयोग: uses of lemon:

नींबू(फल)

नींबू का प्रयोग विभिन्न रोगों मे किया जाता है-

  1. पथरी 
  2. पथरी का दर्द 
  3. नाखून 
  4. बाल गिरना, रूसी( डेंड़रफ)
  5. गंजापन 
  6. जुए 
  7. बाल काले करना 
  8. हृदय की धड़कन 
  9. कमर-दर्द 
  10. आमवात,गठिया, जोड़ों के दर्द मे 
  11. गला दर्द, गला बैठना, गले मे ललाई 
  12. नेत्र-ज्योतिवर्धक 
  13. अपच(Dyspepsia)
  14. भूख  
  15. मुंह की दूगन्ध 
  16. कड़वा स्वाद 
  17. गैस 
  18. छाले (स्टोमेटाइटीस)
  19. हिचकी 
  20. अम्लता(एसिडिटी)
  21. खट्टी डकारे 
  22. पेट-दर्द 
  23. यकृत 
  24. कब्ज 
  25. उलटी 
  26. गर्भावस्था उलटी( morning sickness)
  27. नाभि टलना 
  28. दस्त 
  29. एमोबायसिस(आमातिसार )
  30. हैजा 
  31. बवासीर(piles)
  32. पीलिया (जंडिस)
  33. गर्भस्त्राव(abortion)
  34. मोटापा 
  35. high blood pressure(उच्च रक्त चाप)
  36. ज्वर 
  37. मलेरिया 
  38. जुकाम 
  39. दमा (अस्थमा)
  40. खाँसी 
  41. अनिंद्रा 
  42. सिर-दर्द 
  43. पानी रोग 
  44. सुखी त्वचा(dry skin)
  45. तैलीय त्वचा(oily skin)
  46. खुजली 
  47. नाखूनों के पास की त्वचा 
  48. रक्तवर्धक 
  49. मुहासे(pimples, acene)
  50. शरीर- सौन्दरवर्धक
  51. नकसीर
  52. दांतों की मजबूती 
  53. दांतों, मसूड़ों से रक्त स्त्राव
  54. दाँतों की सफाई एवं दांतों का पीलापन 
  55. धूम्रपान 
  56. लू(sunstroke) 
  57.  पाँवों मे पसीना 
  58. चक्कर आना 
  59. शक्तिवर्धक 
  60. तिल्ली(स्पीलिन )
  61. हकलाना,तुतलाना 

1. पथरी मे नींबू का प्रयोग-

एक गिलास पानीमें एक नींबू निचोड़कर सेंधा नमक मिलाकर सुबह-शाम दो बार नित्य एक माहीना पीने से पथरी पिघलकर निकल जाती है।

2. पथरी का दर्द मे नींबू का प्रयोग-

अँगूरके साठ पत्तोंपर आधा नींबू निचोड़कर पीसकर चटनी बना लें। इसे दो चम्मच हर दो घंटेमें तीन बार खानेसे पथरीसे होनेवाला दर्द दूर हो जायगा।

3. नाखून-

नाखूनोंपर नित्य नीबू रगड़ें, रस सूख जानेके बाद पानीसे धोयें। इससे नाखूनोंके रोग ठीक हो जाते हैं।

4. बाल गिरना, रूसी(dandruff)-

  1. क नीबूके रसमें तीन चम्मच चीनी, दो चम्मच पानी मिलाकर, घोलकर बालों के जड़ोंमें लगाकर एक घंटे बाद अच्छे- से सिर धोनेसे रूसी दूर हो जाती है। बाल गिरना बंद हो जाता है।
  2. सिरमें नीबूकी रसभरी फाँक रगड़‌कर स्रान करनेसे बाल गिरने बंद होते हैं।

5. गंजापन मे नींबू का प्रयोग-

1. नीबूके बीजोंपर नींबू निचोड़कर एवं पीसकर बाल उड़ी हुई जगह (गंज) पर लेप करें। चार-पाँच महीने लगातार लगानेपर बाल उग आते हैं।

2.  तीन चम्मच चनेके बेसनमें एक नींबू का रस, थोड़ा पानी डालकर गाढ़ा घोल बनाकर गंजपर लेप करें तथा सूखनेपर धोयें, फिर समान मात्रामें नारियलका तेल, नीबूका रस मिलाकर सिरमें लगायें। बाल आ जायेंगे। 

सिरमें फुंसियाँ, खुजली, त्वचा सूखी और कठोर हो तो बालोंमें दही लगाकर दस मिनट बाद सिर धोयें। बाल सूख जानेपर समान मात्रामें नींबू का रस और सरसोंका तेल मिलाकर लगायें। यह प्रयोग लम्बे समयतक करें।

6. जुए-

1.  समान मात्रामें नींबू का रस और अदरकका रस मिलाकर बालोंकी जड़ोंमें लगानेसे जूँ मर जाते हैं। यह रस लगाकर एक घंटे बाद सिर धोयें। सिर धोनेके बाद नीबूका रस और सरसोंका तेल समान मात्रामें मिलाकर नित्य बालोंमें लगायें।

7. बाल काले करना-

एक नीबूका रस, दो चम्मच पानी, चार चम्मच पिसा हुआ आँवला मिला लें।पेस्ट नहीं बने तो पानी और मिला लें। इसे एक घंटा भीगने दें। फिर सिरपर लेप करें। एक घंटे बाद सिर धोयें। साबुन, शैम्पू धोते समय नहीं लगायें। धोते समय पानी आँखोंमें नहीं जाय, इसका ध्यान रखें। यह प्रयोग हर चौथे दिन करें। कुछ महीनोंमें बाल काले हो जायेंगे।

8. हृदय की धड़कन मे नींबू का प्रयोग-

नींबू(lemon) ज्ञान-तन्तुओंकी उत्तेजनाको शान्त करता है। इससे हृदयकी अधिक धड़कन सामान्य हो जाती है। उच्च रक्तचापके रोगियोंकी रक्त-वाहिनियोंको यह शक्ति देता है।

9. कमर दर्द मे नींबू का प्रयोग-

चौथाई कप पानीमें आधा चम्मच लहसुनका रस और एक नीबूका रस मिलाकर दो बार नित्य पीयें। यह पेय कमर-दर्दमें लाभदायक है।

10. आमवात, गठिया, जोड़ों के दर्द-

नित्य प्रातः एक गिलास पानीमें एक नीबू(nimbu) निचोड़कर पीयें। नीबूकी फाँक दर्दवाली जगहपर रगड़कर फिर स्नान करे|

11. गला दर्द, गला बैठना, गले मे ललाई-

गला दर्द, गला बैठना, गलेमें ललाई-होनेपर एक गिलास गरम पानीमें नमक और आधा नींबू(lemon) निचोड़कर सुबह-शाम गरारे करें।

12. नेत्र-ज्योतिवर्धक-

एक गिलास पानीमें एक नींबू(lemon) निचोड़कर प्रातः भूखे पेट हमेशा पीते रहें। नेत्रज्योति ठीक बनी रहेगी। इससे पेट साफ रहता है, शरीर स्वस्थ रहता है। नीरोग रहनेका यह प्राथमिक उपचार है।

13. अपच मे नींबू का प्रयोग-

यदि भोजन नहीं पचता हो, खट्टी डकारें आती हों-

1.  पपीतेपर नींबू(lemon), काली मिर्च डालकर सात दिनोंतक प्रातः खायें।

2. भोजनके साथ मूलीपर नमक, नीबू डालकर नित्य खायें।

3.  नींबू (lemon)पर काला नमक, काली मिर्च डालकर तीन बार नित्य चूसें। अपच तथा पेटके सामान्य रोग ठीक हो जायेंगे। भूख अच्छी लगेगी।

4.  खानेसे पहले नीबूपर सेंधा नमक डालकर चूसें।

14. भूख मे नींबू का प्रयोग-

भोजन करनेके आधा घंटा पहले एक गिलास पानीमें नीबू(nimbu) निचोड़कर पीनेसे भूख अच्छी लगती है।

15. मुंह की दुर्गंध मे नींबू का प्रयोग-

एक गिलास पानीमें एक नीबू निचोड़कर दो चम्मच गुलाबजल डालकर भोजनके बाद इस पानीसे तीन कुल्ले करके बचा हुआ सारा पानी पो जायें। मुँहसे दुर्गन्ध नहीं आयेगी।

16. कड़वा स्वाद मे नींबू का प्रयोग-

1.  रोगी प्रायः कहते हैं कि मुँहका स्वाद कड़वा रहता है, स्वाद खराब रहता है, जिससे खाना अच्छा नहीं लगता। नीबू(nimbu)की फाँकपर काली मिर्च, काला नमक डालकर तवेपर सेंककर चूसनेसे मुँहमें कड़वेपनका स्वाद अच्छा हो जानेसे भोजनके प्रति रुचि बढ़ती है।

17. गैस मे नींबू का प्रयोग-

(१) एक चम्मच नीबूका रस, एक चम्मच पिसी हुई अजवाइन, आधा कप गरम पानीमें मिलाकर सुबह-शाम पीयें।

(२) एक गिलास पानीमें एक नीबू (nimbu) निचोड़कर चौथाई चम्मच मीठा सोडा मिलाकर नित्य पीयें।

(३) आधा गिलास गरम पानीमें आधा नीबू निचोड़कर जरा-सी पिसी हुई काली मिर्चकी फक्की सुबह-शाम लें ।

(४) सोंठ एक चम्मच, साबूत अजवाइन ५० ग्राम नीबूके रसमें भिगोकर छायामें सुखायें। जब भी खाना खायें, खानेके बाद इसकी एक चम्मच चबायें।

(५) नीबू काटकर इसकी फाँकोंमें नमक, काली मिर्च भरकर गरम करके चूसनेसे गैसमें लाभ होगा।

18. छाले(स्टोमेटाइटीस)-

(१) एक गिलास गरम पानीमें आधा नीबू निचोड़कर चार बार नित्य कुल्ले करें।

(२) नित्य नीबू एवं पानीमें स्वादके लिये चीनी या नमक डालकर प्रातः भूखे पेट पीयें। रातको सोते समय एक गिलास गरम दूधमें एक चम्मच घी डालकर पीयें। लम्बे समय-दो महीनेतक प्रयोग करनेसे भविष्यमें छाले होने बंद हो जाते हैं।

19. हिचकी मे नींबू का प्रयोग-

1. नीबूके पेड़से हरी पत्तियाँ तोड़कर चबाकर रस चूसें। हिचकी बंद हो जाती है।

2.तेज गरम पानीमें नीबू निचोड़कर घूँट-घूंट पीनेसे हिचकी बंद हो जाती है।

3.  नीबू, सोंठ, काली मिर्च, अदरक-सब अल्पमात्रामें लेकर चटनी बनाकर चाटें।

4.  नीबूमें नमक भरकर चार बार चूसें।

5. काला नमक, शहद और नीबूका रस मिलाकर चाटें। इन प्रयोगोंसे हिचकी बंद हो जाती है।

20. अम्लता(acidity) मे नींबू का प्रयोग-

(१) खाना खानेके बाद एक कप पानीमें आधा नीबू, जरा-सा खानेका सोडा मिलाकर प्रतिदिन दो बार पीयें।

(२) दोपहरमें भोजनसे आधा घंटा पहले नीबूकी मीठी शिकंजी दो महीनेतक पीयें। खानेके बाद न पीयें।

21. खट्टी डकारे मे नींबू का प्रयोग-

यदि खट्टी डकारें आती हों तो गरम पानीमें नीबू निचोड़कर पीयें।

22. पेट-दर्द मे नींबू का प्रयोग-

1.  पचास ग्राम पोदीनेकी चटनी पतले कपड़ेमें डालकर निचोड़कर, रस निकालकर इसमें आधा नीबू निचोड़ें। दो चम्मच शहद और चार चम्मच पानी मिलाकर पीनेसे पेटका तेज दर्द शीघ्र बंद हो जाता है।

2.  आधा कप पानी, दस पिसी हुई काली मिर्च, एक चम्मच अदरकका रस, आधे नीबूका रस- सब मिलाकर पीनेसे पेट दर्द ठीक हो जाता है। स्वादके लिये चीनी या शहद चाहें तो मिला लें।

3. एक नीबू, काला नमक, काली मिर्च, चौथाई चम्मच सोंठ, आधा गिलास पानीमें मिलाकर पीनेसे पेट दर्द ठीक हो जाता है।

4. अजवाइन, सेंधा नमकको नीबूके रसमें । भिगोकर सुखा लें। पेट दर्दमें एक चम्मच चबाका पानी पीयें। इस प्रकार हर एक घंटेमें जबतक दर्द रहे, लें। पेटपर सेंक करें। 

5.  कीड़ोंके कारण पेट दर्द हो, पेटमें कीड़े हों तो सात दिन दो बार नित्य नीबूकी एक फाँकमें पिसा हुआ जीरा, काली मिर्च, काला नमक भरकर चूसें।

6.  मूलीपर नमक, नीबू, काली मिर्च डालकर खानेसे अपचका पेट-दर्द ठीक हो जाता है।

7.  किसी उत्सव आदिमें अधिक खाना खानेसे अपच, गैससे पेट-दर्द हो तो एक कप तेज गरम पानीमें भुना हुआ जीरा, पिसी हुई अजवाइन, नीबू और चीनी सब स्वादके अनुसार मिलाकर चार बार नित्य पीयें।

8.  आधा कप मूलीके रसमें आधा नीबू निचोड़कर नित्य दो बार पीनेसे खाना खानेके बाद होनेवाला पेट-दर्द ठीक हो जाता है।

चीनी, जीरा, नमक, काली मिर्च, एक कप गरम पानी नीबू मिलाकर तीन बार नित्य पीयें।

9.  जी मिचलाते ही, उलटीकी इच्छा होते ही नीबूकी फाँकमें काला नमक, काली मिर्च भरकर चूसें। उलटी नहीं होगी।

10.  बार-बार नीबूका पानी पीते रहनेसे पेट दर्द, वायु-गोलेका दर्द ठीक हो जाता है।

23. यकृत मे नींबू का प्रयोग-

नींबू पानी और 10 काली मिर्च मिलाकर नित्य पीते रहे| यकृत संबंधी रोग ठीक हो जाएंगे|

24. कब्ज मे नींबू का प्रयोग-

1. गरम पानी और नीबू प्रातः भूखे पेट पीयें। एक गिलास हलके गरम पानीमें एक नीबू निचोड़कर एनिमा लगायें। पेट साफ हो जायगा। कृमि भी निकल जायँगे।

2.  एक गिलास गरम पानीमें एक नीबू, दो चम्मच एरण्डीका तेल (कैस्टर ऑयल) मिलाकर रातको पीयें।

3.  एक चम्मच मोटी सौंफ तथा पाँच काली मिर्च चबायें, फिर एक गिलास गरम पानी, एक नीबू और काला नमक मिलाकर रातको नित्य पीयें।

4.  प्रातः भूखे पेट अमरूदपर नमक, काली मिर्च, नीबू डालकर प्रतिदिन खायें।

5.  प्रातः भूखे पेट नीबू-पानी तथा रातको सोते समय नीबूकी शिकंजी पीनेसे क़ब्ज़ दूर होता है। लम्बे समयतक पीते रहें। पुराना क़ब्ज़ भी दूर हो जायेगा।

25. उलटी मे नींबू का प्रयोग-

1.  आधा कप पानीमें पंद्रह बूँद नीबूका रस, भुना एवं पिसा हुआ जीरा, पिसी हुई एक छोटी इलायची मिलाकर हर आधे घंटेमें पीयें। उलटी होनी बंद हो जायगी।

2.  नीबूके छिलके सुखाकर, जलाकर राख बना लें। चौथाई चम्मच राख, आधा चम्मच शहदमें मिलाकर चाटनेसे उलटी बंद हो जाती है।

3.  दो छोटी इलायची पीसकर नीबूकी फाँकमें भरकर चूसनेसे उलटी बंद हो जाती है।

4. चौथाई कप पानीमें आधा नीबू निचोड़कर मिला लें। इसकी एक चम्मच हर पंद्रह मिनटमें पीयें। उलटी बंद हो जायगी।

5. सेंधा नमक और हरे धनियेपर आधा नीबू निचोड़कर चटनी बना लें। जबतक उलटी हो, बार- बार आधा चम्मच चाटते रहें।

6. नीबूकी एक फाँकमें मिस्त्री भरकर चूसें।

7. जी मिचलाते ही, उलटीकी इच्छा होते ही नीबूकी फाँकमें काला नमक, काली मिर्च भरकर चूसें। उलटी नहीं होगी।

8. यात्रामें उलटी हो तो नीबू चूसते रहें।

9. शिशु दूध पीनेके बाद उलटी करते हों तो दूध पिलानेके कुछ देर बाद तीन बूँद नीबूका रस एक चम्मच पानीमें मिलाकर पिलायें।

26. गर्भावस्था की उलटी(morning sickness)-

  1.   100 ग्राम कच्चा जीरा, तीस ग्राम सेंधा नमक पीसकर नीबूके रसमें तर कर लें, ये रसमें डूबे रहें। इनको ऐसे ही रहने दें। प्रतिदिन एक बार स्टीलकी चम्मचसे हिला दें। सूख जानेपर आधा चम्मच प्रतिदिन तीन बार चबायें। गर्भावस्थामें होनेवाली उलटियाँ बंद हो जायेंगी।

2. ठंडे पानीमें नीबू निचोड़कर पीनेसे गर्भावस्थाकी उलटीमें लाभ होता है।

27. नाभि टलना मे नींबू का प्रयोग-

नीबू काटकर बीज निकाल दें। इसमें भुना हुआ सुहागा (यह पंसारीके यहाँ मिलता है) एक चम्मच भरकर हलका-सा गरम करके चूसें, टली हुई नाभि अपने स्थानपर आ जायगी।

28. दस्त मे नींबू का प्रयोग-

1. एक कप ठंडे पानीमें चौथाई नीबू निचोड़कर स्वादके अनुसार नमक, चीनी मिलाकर दो- दो घंटेमें पीनेसे दस्त बंद हो जाते हैं।

2.  दस्त थोड़ा-थोड़ा, बार-बार हो तो एक चम्मच प्याजका रस, आधा नीबूका रस चौथाई कप ठंडे पानीमें मिलाकर हर तीन घंटेमें पिलायें।

29. एमोबायसिस (आमातिसार)-

नित्य दिनमें तीन बार नीबूका पानी पीनेसे लाभ होता है। लगातार लेते रहनेसे आँतें साफ होकर आँव आना बंद हो जाता है।

30. हैजा मे नींबू का प्रयोग-

नीबू हैजेसे भी बचाता है। जब हैजा फैल रहा हो, किसीको हैजा हो गया हो तो सम्पर्कमें आनेवाले लोग नीबूका अधिकाधिक सेवन करें। नीबू चूसें, नीबूका अचार खायें। भोजनके बाद नीबूका पानी पीयें। हैजासे बचाव होगा। हैजेके कीटाणु खट्टी चीजोंके सेवनसे नष्ट हो जाते हैं। हैजा होनेपर चार चम्मच गुलाबजल, थोड़ा-सा नीबू और मिस्री मिलाकर हर दो घंटेमें पिलायें। हैजेमें लाभ होगा।

31. बवासीर(piles) मे नींबू का प्रयोग-

बवासीर (पाइल्स) में रक्त आता हो तो नीबूकी फौकमें सेंधा नमक भरकर चूसनेसे रक्तस्राव बंद हो जाता है।

32. पीलिया(जंडिस) मे नींबू का प्रयोग-

1. पत्तोंसहित मूलीका रस एक कपमें स्वादानुसार चीनी और नीबूका रस मिलाकर प्रातः भूखे पेट तथा रातको सोते समय दो बार प्रतिदिन पीनेसे पीलियामें लाभ होता है।

2.  प्याजके टुकड़े नीबूके रसमें डाल दें। स्वादानुसार नमक, काली मिर्च डाल दें। नित्य दो बार थोड़ा-थोड़ा यह प्याज खानेसे पीलियामें लाभ होता है।

33. गर्भस्त्राव(abortion) मे नींबू का प्रयोग-

नमकीन शिकंजी (नीबू, नमक और पानी) में विटामिन ‘ई’ होता है। विटामिन ‘ई’ स्त्रीको गर्भधारणमें सहायता करता है। गर्भकी रक्षा करता है, गर्भस्राव रोकता है। सुबह-शाम नमकीन शिकंजी पीनेसे विटामिन ‘ई’ की पूर्ति हो जाती है। जिनको गर्भस्राव होता हो, वे नमकीन शिकंजी पीयें तथा रातको सोते समय पावोंके नीचे तकिया रखें।

34. मोटापा मे नींबू (lemon)का प्रयोग-

सुबह-शाम नीबूका पानी पीनेसे मोटापा घटता है।

35. उच्च रक्तचाप(high blood pressure)-

उच्च रक्तचाप से बचनेके लिये प्रातः नीबूका पानी सदा पीते रहें।

हृदय-रोग और उच्च रक्तचापके रोगी नित्य तीन बार नीबू(lemon) का पानी पीते रहें। आशातीत लाभ होगा

36. ज्वर-

ज्वरमें प्यास अधिक लगती है, मुँह सूखता है, व्याकुलता बढ़ती है। लार बनानेवाली ग्रन्थियाँ लार बनाना बंद कर देती हैं। जिससे मुँह सूखने लगता है। अतः पानीमें नीबू, नमक, काली मिर्च डालकर पीयें। नीबूमें नमक, काली मिर्च भरकर भी चूस सकते हैं।

37. मलेरिया मे नींबू का प्रयोग-

मलेरिया में नीबू (lemon) किसी भी रूपमें अधिकाधिक सेवन करनेसे लाभ होता है। चायमें दूधके स्थानपर नीबू डालकर पीनेसे मलेरियामें लाभ होता है। भोजन करते समय हरी मिर्चपर नीबू निचोड़कर खायें। मलेरिया आनेसे पहले नीबूमें नमक भरकर चूसें या नीबूकी शिकंजी पीयें।

फिटकरी भुनी हुई, काली मिर्च, सेंधा नमक- तीनों समान मात्रामें लेकर पीस लें। नीबूकी एक फौकपर यह चूर्ण चौथाई चम्मच भरकर गरम करके ज्वर आने के एक घंटे पहले आधा – आधा घंटेके अन्तरसे चूसें। मलेरिया बुखार नहीं आयेगा। दो तीन दिन यह प्रयोग करें।

38. जुकाम मे नींबू का प्रयोग-

1. यदि जुकाम बार-बार लगता है तो रातको सोते समय पगतलियोंपर सरसोंके तेलकी मालिश करें। एक गिलास तेज गरम पानीमें एक नीबू निचोड़कर एक महीने पीयें।

2.  जब जुकाम लग गयी हो तो एक साबूत नीबूको धोकर, एक गिलास पानीमें उबाल लें। नीबू उबलनेपर उसे निकालकर काट लें और इसी गरम पानीको एक गिलासमें भरकर वही नीबू निचोड़ें। इसमें एक चम्मच अदरकका रस, दो चम्मच शहद मिलाकर पीयें। जुकाम ठीक हो जायगा।

3. दो चम्मच दाना मेथी एक गिलास पानीमें उबालें। उबलते हुए आधा पानी शेष रहनेपर पानी छानकर इसमें आधा नीबू निचोड़कर गरमागरम ही पीयें। उबली हुई मेथी भी खायें। ज्वर, फ्लू, सर्दी, श्वास, विवर-प्रदाह (साइनोसाइटिस) में लाभ होगा। यह पेय दो बार नित्य, जबतक जुकाम ठीक नहीं हो जाय, पीते रहें।

39. दमा(अस्थमा) मे नींबू का प्रयोग-

एक कप तेज गरम पानी, आधे नीबूका रस, एक चम्मच अदरकका रस, दो चम्मच शहद-सब मिलाकर नित्य सुबह-शाम पीते रहें। दमा, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) – में लाभ होगा।

40. खाँसी मे नींबू का प्रयोग-

1.  आधे नीबूका रस और दो चम्मच शहद मिलाकर चाटनेसे तेज खाँसी, श्वास, जुकाममें लाभ होता है।

2.  नीबूमें चीनी, काला नमक, काली मिर्च भरकर गरम करके चूसनेसे लाभ होता है। खाँसीका तेज दौरा ठीक हो जाता है।

3.  पोदीनेके ३० पत्ते, आठ काली मिर्च पिसी हुई, एक गिलास पानी स्वादके अनुसार नमक मिलाकर उबालें। उबलते हुए आधा पानी शेष रहनेपर छानकर उसमें आधा नीबू निचोड़कर सुबह-शाम दो बार पीयें। खाँसी तथा ज्वर (फीवर) में लाभ होगा।

4. एक नीबूको पानीमें उबालकर एक कपमें निचोड़कर दो चम्मच शहद डालकर मिला लें। इस प्रकार तैयार करके ऐसी दो मात्रा सुबह-शाम लें, खाँसीमें लाभ होगा। सीनेमें जमा हुआ बलगम पिघलकर बाहर आ जाता है।

41. अनिंद्रा मे नींबू का प्रयोग-

सोते समय नीबू, शहद, पानीका एक गिलास पीनेसे नींद गहरी आती है।

42. सिर-दर्द-

1.  नीबूके छिलके पीसकर सिरपर लेप करनेसे सिर-दर्दमें लाभ होता है।

2. अदरकका रस आधा चम्मच, नीबूका रस आधा चम्मच, सेंधा नमक चौथाई चम्मच मिलाकर हलका-सा गरम करके इसे सूँधें। इससे छींकें आकर कफ, पानी निकलता है और सिर-दर्द ठीक हो जाता है। यह सर्दी लगनेसे हुआ सिर-दर्द, आधे सिरका दर्द (विवर-प्रदाह- साइनोसाइटिस) में अधिक लाभकारी है।

3.  जिस ओर सिर-दर्द हो उसके विपरीत नथुनेमें (अर्थात् बायीं ओर सिर-दर्द हो तो दायें नथुनेमें) तीन बूँद नीबूका रस डालनेसे आधे सिरका दर्द (हेमीक्रेनिया) जो सूर्यके साथ घटता बढ़ता है तथा साथ ही अन्य सिर-दर्द भी ठीक हो जाते हैं।

4.  नीबूकी फाँक गरम करके सिर-दर्दपर ( रगड़ें, एक बार रगड़नेके पंद्रह मिनट बाद पुनः रगड़ें। इस तरह लगाते रहनेसे सिर-दर्द शीघ्र ठीक हो जाता है। नीबूका रस रगड़नेके बाद सिरको हवा नहीं लगने दें। सिर ढक लें। नीबूके प्रयोगसे गरमीके कारण होनेवाला सिर-दर्द शीघ्र ठीक होता है।

43. पानी के रोग-

गंदा पानी पीनेसे यकृत्, टॉइफाइड, दस्त, पेटके रोग हो जाते हैं। यदि शुद्ध पानी नहीं मिले, नदी, तालाबका इकट्ठा किया हुआ पानी हो तो पानीमें नीबू निचोड़कर पीयें। पानीमें नीबू निचोड़कर पीनेसे पानीके रोग, गंदगी आदिसे होनेवाले रोगोंसे बचाव होता है। नीबूके छिलकोंको रगड़नेसे बदबू दूर हो जाती है।

44. सुखी त्वचा( dry skin) मे नींबू का प्रयोग-

1. आधा कप दहीमें एक चम्मच पिसी हुई मुलतानी मिट्टी, आधा नीबू निचोड़कर मिलाकर चेहरे, हाथ, पैरोंपर मलकर लेप कर दें और आधे घंटे बाद धोयें। त्वचाका सूखापन दूर हो जायगा।

2. सूखी त्वचापर हलदी और नीबूका रस मिलाकर पेस्ट बना लें तथा त्वचापर लेप करके आधे घंटे बाद धोयें। त्वचाका सूखापन दूर हो जायगा।

45. तैलीय त्वचा(oily skin)-

चौथाई कप खीरेके रसमें चार चम्मच बेसन, चार चम्मच दही, आधा नीबू निचोड़कर अच्छी तरह मिलाकर चेहरे तथा हाथ-पैरोंपर मलकर लेपकी तरह लगाकर आधे घंटे बाद धोकर साफ कर दें।

46. खुजली मे नींबू का प्रयोग-

नहाने से पहले नीबूकी फाँकमें पिसी हुई फिटकरी भरकर खुजलीवाली जगहपर रगड़ें। दस मिनट बाद स्नान करें। खुजलीमें लाभ होगा।

47. नाखूनों के पास की त्वचा-

पकती हो तो नीबूके हरे पत्ते और नमक पीसकर लगायें। पंद्रह दिन लगानेपर आप देखेंगे कि नाखूनोंकी त्वचा पकनी बंद हो गयी है।

48. रक्तवर्धक-

1.  एक गिलास पानीमें एक नींबू निचोड़कर इसमें 25 ग्राम किशमिश डाल दें। इसे रातको खुले स्थानपर रख दें। प्रातः भीगी हुई किशमिश खाते जायँ और यह पानी पीते जायें। इस प्रकार नीबू-पानीमें भिगी हुई किशमिश खानेसे रक्त बढ़ेगा। रक्तकी कमीके रोगोंमें लाभ होगा।

2.  मूली काटकर अदरकके टुकड़े और नीबू डालकर खायें। इससे रक्तकी कमी दूर होती है।

49. मुहाँसे(pimples, acne)-

1.  तिलपर नीबू निचोड़कर चटनीकी तरह पीसकर चेहरेपर मलकर लेप कर दें। दो घंटे बाद धोयें। चेहरेकी त्वचा मुलायम होकर मुँहासे ठीक हो जायँगे।2

2. दालचीनी पीसकर पाउडर बना लें। चौथाई चम्मच पाउडरमें कुछ बूँद नीबूके रसको डालकर पेस्ट बनाकर चेहरेपर लगायें। एक घंटेके बाद धोयें। मुँहासे ठीक हो जायँगे।

3.  नीबू निचोड़नेके बाद जो छिलका बचता है, उसे इकट्ठा करके सुखा लें। सूखनेपर पीस लें। इसकी दो चम्मचमें एक चम्मच बेसन मिलाकर पानी डालकर पेस्ट बनाकर चेहरेपर मलें। आधे घंटे बाद चेहरा धोयें। मुँहासे, झाइयाँ, धब्बे ठीक हो जायेंगे।

4. नहानेसे पहले चेहरेपर नीबूकी फाँक रगड़कर जब रस सूख जाय तब नहायें। इसके बाद भी बार-बार हर घंटे चेहरेपर नीबूका रस लगाते रहें।

50. शरीर सौन्दर्यवर्धक-

1.  चार चम्मच आटा जौ या चनेका, आठ चम्मच दूध, आधा चम्मच हलदी और दो नीबूका रस-सबको मिलाकर हाथ, मुँह, शरीरपर मलें। सूखनेपर रगड़कर बिना साबुन लगाये स्नान करें। इससे शरीर मुलायम एवं सुन्दर होगा।

2. हलदी और मसूरकी दाल समान मात्रामें एक कप, इसमें एक नीबूका रस और पानी डालकर रातको भिगो दें। प्रातः पीसकर चेहरे, हाथ एवं गलेपर मलकर पंद्रह मिनट बाद स्नान करें। शरीरमें रूप- लावण्य झलकने-निखरने लगेगा।

3.  हरे मटरके दानोंपर नीबू निचोड़कर, थोड़ा- सा पानी डालते हुए पीस लें। इसे चेहरे एवं हाथोंपर मलकर आधे घंटे बाद धोयें। जहाँ भी लगायेंगे, वह स्थान सुन्दर लगेगा।

4.  आधा कप गाजरके रसमें आधा चम्मच शहद, चौथाई भाग नीबूका रस मिलाकर चेहरे तथा त्वचाके दाग-धब्बोंपर लगाकर आधे घंटे बाद धोयें। त्वचा कान्तिमय हो जायगी।

5.  चार चम्मच खीरेका रस, आधा नीबू, चौथाई चम्मच हलदी मिलाकर चेहरे, गर्दन, हाथों एवं बाँहोंपर लगायें। आधे घंटे बाद धोयें। इससे शरीरका श्याम रंग साफ होकर गोरापन आ जाता है। यह प्रयोग एक महीना करें।

6.  समान मात्रामें नीबूका रस और कच्चा दूध तथा चनेका बेसन मिलाकर चेहरे, गर्दन तथा त्वचापर जहाँ सुन्दरता बढ़ानी हो, नित्य लगाते रहें। सूखनेपर रगड़-रगड़कर धोयें। रंग गोरा होगा। रूप-रंग निखरेगा, सुन्दरता बढ़ेगी।

7. दूधमें चार चम्मच चनेकी दाल रातको भिगो दें। प्रातः दाल पीस लें। इसमें चौथाई नीबूका रस, चौथाई चम्मच हलदी मिलाकर चेहरेपर लगाकर आधे घंटे बाद या सूखनेपर धोयें। यह प्रयोग एक महीनातक,तीन दिनमें एक बार करें। चेहरा आकर्षक बन जायगा।

8.  नीम्बू और नारंगीके छिलके सुखाकर, मिलाकर पीस लें। चार चम्मच दूधमें इसका पेस्ट बनाकर चेहरेपर मलें। पंद्रह मिनट बाद धोयें। त्वचा सुन्दर हो जायगी।

9.  रातको सोते समय चेहरेपर नीबू रगड़कर सोयें। प्रातः धोयें। चेहरेके धब्बे साफ हो जायेंगे।

10. हल्दी पर नीबू निचोड़कर पीस लें तथा चेहरेपर लगाकर एक घंटे बाद धोनेसे चेहरेके काले दाग, झाइयाँ दूर हो जाती हैं।

11. नीबू निचोड़ी हुई फाँकसे होठोंको रगड़ें। होठोंका कालापन दूर हो जायगा।

51. नकसीर-

1.  नीबूके रसकी चार बूँद, जिस नथुनेसे रक्त आ रहा हो, उसमें डालनेसे तुरंत रक्त आना बंद हो जाता है।

2.  मूलीपर नीबू निचोड़कर नित्य खाते रहनेसे बार-बार नकसीर आना बंद हो जाता है।

3. आँवला, अंगूर, गन्ना, नीबूमेंसे किसी एकके रसकी चार बूँद नाकमें डालनेसे नकसीर आना बंद हो जाता है।

4. पानीमें मिस्त्री घोलकर तीन बूँद नाकमें डालनेसे नाकसे रक्त आना बंद हो जाता है।

52. दांतों की मजबूती-

शौचालयमें जबतक मल- त्याग करें, दाँत भींचकर रखें, दाँत मजबूत रहेंगे हिलेंगे नहीं। प्रातः भूखे पेट फीका नीबू चूसें। नीबू चूसनेके एक घंटे बादतक कुछ भी न खायें। दाँत मजबूत रहेंगे और दाँत-दर्दमें भी लाभ होगा।

दाँतों, मसूढ़ोंसे रक्तस्त्राव हो तो नीबूकी फाँक निचोड़कर आधा रस निकालकर, इस फाँकसे दाँत और मसूढ़े रगड़ें। मसूढ़ोंसे रक्तस्त्राव बंद हो जायेगा। मसूढ़े ढीले पड़ गये हों तो नीबूकी मीठी शिकंजी दो बार, एक महीना पीयें।

53. दाँतों की सफाई एवं दाँतों का पीलापन-

1.  नीबूकी आधी निचोड़ी फाँकपर चार बूँद सरसोंका तेल, जरा-सा नमक डालकर दाँतोंको रगड़े। दाँतोंका पीलापन दूर होकर दाँत साफ हो जायँगे।

2.  नीबूके छिलके सुखाकर पीस लें। इसमें थोड़ा-सा खानेका सोडा और नमक मिलाकर मंजन करें। दाँत चमकने लगेंगे, साफ रहेंगे। दाँतोंके सामान्य रोग ठीक हो जायँगे।

3.  नीबूके रसमें ब्रश डुबोकर मंजन करनेसे दाँत चमकने लगते हैं। दाँतोंको नीबूके रससे रगड़ें।

54. धूम्रपान-

नीबू चूसें। नीबू पानी पीयें। जीभपर बार-बार नीबूके रसकी पाँच बूँद डालें और स्वाद खट्टा बनाये रखें। धूम्रपान, बीड़ी, सिगरेट, जर्दा एवं तम्बाकू खानेकी आदत छूट जायेगी।

55. लू (sunstroke)-

प्रतिदिन प्याज खायें, नीबूकी नमकीन शिकंजी पीयें। लूसे बचाव होगा।

56. पाँवों मे पसीना आना-

गर्म पानीके दो गिलासमें एक नीबूका रस मिलाकर पगतलियोंका सेंक करें, फिर इसी पानीसे पगतलियाँ धोयें|

57. चक्कर आना-

प्रातः नीबूकी मीठी शिकंजी पीनेसे उठते-बैठते समय आनेवाले चक्कर ठीक हो जाते हैं।

58. शक्तिवर्धक-

तीन छुहारे (गुठली निकालकर) टुकड़े कर लें। एक गिलास पानीमें ये छुहारे, 15  किशमिश, एक नीबूका रस डालकर रातको खुलेमें छतपर रख दें। प्रातः मंजन करके पानी पी जायँ तथा छुहारे, किशमिश खा जायँ। लगातार चार महीनेतक करें। चेहरा चमकने लगेगा।

59. तिल्ली(स्पीलिन)-

तिल्ली बढ़नेपर पेट बढ़ जाता है, तेज चलनेपर साँस फूलती है, मलेरिया हो जाता है। दो चम्मच प्याजके रसमें आधा नीबू निचोड़कर, दो चम्मच पानी मिलाकर सुबह-शाम पीयें। नीबूका अचार भी खिलायें।

60. हकलाना,तुतलाना-

गर्म पानीमें नीबू निचोड़कर सुबह-शाम कुल्ले करें। दस पिसी हुई काली मिर्च, एक चम्मच शुद्ध देशी घीमें मिलाकर प्रतिदिन दो बार चाटें।

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