Aarogya Anka

स्वस्थ जीवन आरोग्य अंक /आयुर्वेद के साथ

आयुर्वेद दुनिया का प्राचीनतम चिकित्सा प्रणाली है Ιऐसा माना जाता है की बाद मे विकसित हुई अन्य चिकित्सा पद्धतियों मे इसी से प्रेरणा ली गई है Ιकिसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करने के खासियत के कारण आज अधिकांश लोग आयुर्वेद के तरफ जा रहे हैΙइस लेख मे हम आयुर्वेद चिकित्सा से जुड़ी हर एक रोग और उसके इलाज के बारे मे बताएंगे Ιआयुर्वेद चिकित्सा के साथ सभी प्रकार के जड़ी -बूटी के बारे मे तथा आयुर्वेद के 8 प्रकारों से हर तरह के रोगों के इलाज के बारे मे बताया गया हैΙ सभी पोस्टों को पढे ओर जानकारी अवश्य ले ताकि आप भी अपना जीवन आरोग्य के साथ healthy बना सके| thanks . 

पिस्ता(pista) एवं इसके उपयोग से कुछ रोगों का इलाज-

पिस्ता (pista) के झाड़ों के पत्तों पर एक प्रकार का कीड़ों के घर बन जाते है, जिसको पिस्तो के फूल कहते है|ये एक तरफ से गुलाबी और दूसरी तरफ से पीले या सफेद होते है|ये काही अंजीर के आकार के, कही गोल और कही अंडाकृती रहते है|इसका फल 2 साल मे एक बार आता है|पिस्ते के फल के ऊपर एक कड़ा छिलका होता है|उसको फोड़ने से उसके अंदर से पिस्ते का भित्री भाग निकलता है| यह भी मेवेकी तरह खाने और मिठाईया बनाने के काम आते है|

पिस्ता (pista)भारी ,स्त्रीगध,वीर्यवर्धक ,गर्म,धातुवर्धक,रक्त को शुद्ध करने वाला, स्वाद, बलवर्धक, पितकारक, कड़वा, सारक, कफ़नाशक तथा वात,गुल्म, और त्रिदोष को दूर करता है|पिस्ते स्मरणशक्ति,हृदय,मस्तिष्क और आमाशयों को शक्ति देता है|पगलपन ,वमन,मतली,मरोड़ और यकृत की वृद्धि मे लाभ पहुचाते है|बदन को मोटा करते है|

आमाशयों को ताकत देने के लिए पिस्ते के समान कोई दूसरा पदार्थ उतम नहीं है|यह किडनी की कंजोड़ी मिटाता है|पिस्ते को चबाने से मसूड़े मजबूत होते है, और मुह से सुगंध आने लगती है|हैजा, प्लेग के दिनों मे इसे शक्कर के साथ खाना अच्छा रहता है|पिस्ते के छाल और पत्तों के काढ़े से तर तथा सुखी खुजली को धोने पर बहुत लाभ होता है|इसके काढ़े से सिर के बाल मजबूत होते है और सिर मे जुए नहीं पड़ती है|

पिस्ता के छिलके के उपयोगिता– पिस्ते के ऊपर दो छिलके होते है| एक सुर्ख रंग का पतला छिलका, जो पिस्ते के मगज से चिपका हुआ रहता है और दूसरा दूसरा सफेद रंग का सक्त छिलका ,जिसके अंदर पिस्ते का मगज रहता है|इसमे से पहला पतला छिलका समशीतोष्ण होता है|दूसरा सख्त  छिलका सर दर्द और खुश्क होता है|हिचकी को बंद करने वाला, दाँत ,मसूड़े, हृदय तथा मस्तिष्क को ताकत देने वाला एवं तृष्णाशामक होता है| इसे खाने से मुह मे छाले मीट जाते है

पिस्ता

पिस्ता के फूल की उपयोगिता– पिस्ते के फूल सर दर्द ,खुश्की, काबिज और आनंदवर्धक होते है|

पिस्ता के तेल की उपयोगिता– आधा-सीसी  के रोगी को गर्म जल का बफारा देकर अगर यह तेल नाक मे टपका दिया जाय तो आधा-सीसी मीट जाती है|यह तेल स्मरण शक्ति वर्धक है| खासी के रोगों को लाभ करता है|हृदय को ताकत देकर पागलपन, वमन और मतली को मिटाता है| 

ध्यान रहे– पिस्ता के ज्यादा खाने से पिती उछल आती है| अतः इस औषत द्रव्यों के सेवन की मात्रा के लिए किसी सुयोग्य अनुभवी वैध आदिका परामर्श लेना चाहिए|

हड्डी को मजबूत बनाने में पिस्ता का उपयोग-

हड्डियों के स्वास्थ्य में सुधार करने में भी पिस्ता के फायदे नजर आ सकते हैं। एक शोध में दिया हुआ है कि पिस्ता में स्ट्रोन्शियम होता है, जो एक तरह का ट्रेस मिनरल होता है। स्ट्रोन्शियम को कैल्शियम के स्थान पर लिया जा सकता है। यह मिनरल इंड्डियों और दांतों के बनावट में सुधार कर सकता है। साथ ही यह हड्डी के विकास और घनत्व को भी बढ़ावा देने का काम कर सकता है। दरअसल, स्ट्रोन्शियम ओस्टियोब्लास्ट (हड्डियों की कोशिकाओं का निर्माण) और ओस्टियोक्लास्ट (हड्डियों का निर्माण) की भूमिका निभा सकता है |

 यौन स्वास्थ्य में पिस्ता लाभदायक-

यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए पिस्ता का प्रयोग किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि पिस्ता खाने से यौन स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार, पिस्ता में एंटीऑक्सीडेंट और आर्गिनिन (Arginine) (एक तरह का एमिनो एसिड) पाया जाता है, जो इरेक्टाइल डिस्फंक्शन में सुधार करने का काम कर सकता है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के कारण शारीरिक संबंध बनाने में समस्या आती है। ऐसे में पिस्ता के सेवन से यौन स्वास्थ्य में तेजी से परिवर्तन आ सकता है| इसलिए, कहा जा सकता है कि पिस्ता खाने के आयुर्वेदिक फायदे यौन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।

एस्ट्रोजन के स्तर को संतुलित रखने के लिए पिस्ता का उपयोग-

एस्ट्रोजेन एक तरह का स्टेरॉयड हार्मोन है, जो महिलाओं के प्रजनन अंगों से जुड़ा होता है। एस्ट्रोजेन का संतुलित रहना प्राइमरी ओवेरियन इंसफिशिएंसी, हाइपोगोनाडिज्म, मेनोपॉज के लक्षण, ऑस्टियोपोरोसिस और प्रोस्टेट कैंसर की समस्या को दूर रखने के लिए जरूरी होता है | एस्ट्रोजेन को संतुलित रखने के लिए पिस्ता का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। इसमें फाइटोएस्ट्रोजेन होते हैं, जो शरीर में एस्ट्रोजेन की मात्रा को संतुलित रखने का काम कर सकते हैं

पिस्ता हमारे सेहत के लिए अच्छा क्यों है?

पिस्ता कई तरह के स्वास्थ्यवर्धक पोषक तत्वों से समृद्ध होता है। इसमें सेचुरेटेड फैटी एसिड, पॉलीअनसेचुरेटेड फेटी एसिड, मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड, ओलिक व लिनोलिक एसिड, प्रोटीन, विटामिन और फाइबर होता है। यह स्वास्थ्य स्थिति में सुधार करने के साथ ही कई गंभीर समस्याओं को दूर रखने का भी काम कर सकता है | लिहाजा, यह कहा जा सकता है कि पिस्ता खाने से कई बीमारियों से बचना आसान हो सकता है।

पिस्ता का उपयोग - How to Use Pistachios in Hindi-

पिस्ता एक सूखा मेवा हे, जिसे रोजाना खा सकते हैं। पिस्ता कैसे खाना चाहिए और पिस्ता कब खाना चाहिए यहां हम इस बारे में बता रहे हैं। पिस्ता के अन्य कई उपयोग भी हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।

कैसे खाएं:

pista को सामान्य रूप में खाया जा सकता है।

pista को रोस्ट करके सेवन किया जा सकता है|

पिस्ता को कुकीज और केक बनाते समय इस्तेमाल किया जा सकता है।

पिस्ता को आप खीर जैसे मीठे पकवानों को बनाने में भी उपयोग कर सकते हैं।

पिस्ता(pista) का उपयोग घर में बनने वाली मिठाई में भी कर सकते हैं।

पिस्ता को दूध में डालकर पी सकते हैं।

pista को रात में भिगोकर सुबह खाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

कब खाएं:

सुबह भीगा हुआ पिस्ता का सेवन किया जा सकता है।

पिस्ता(pista) से बने मिठाई और केक को शाम के स्नेक्स में लिया जा सकता है।

रात में सोने से पहले दूध में पिस्ता डालकर सेवन किया जा सकता है।

पिस्ता को मिलकर बनाए गए मिठाई को दोपहर और रात में खाने के बाद लिया जा सकता है।

कितना खाएं:

प्रतिदिन 35 से 45 ग्राम पिस्ता के सेवन से शरीर को जरूरी पोषण मिल सकता है। साथ ही शरीर के वजन और स्वास्थ्य पर किसी तरह का नकारात्मक प्रभाव नहीं डालता है | हालांकि, सभी की आहार क्षमता एक जेसी नहीं होती है, इसलिए रोज कितना पिस्ता खाना चाहिए या नहीं, इस बारे में आहार विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।

आइए, अब जानते हैं कि पिस्ता को घर में सुरक्षित कैसे रखा जा सकता है।

पिस्ता(pista) का चयन कैसे करे और लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें?

अच्छा pista खरीदना भी एक कला है। साथ ही इसे संभाल कर रखना भी जरूरी है, ताकि ये खराब न हों। इसलिए, पिस्ता खरीदते समय नीचे बताए गए टिप्स को फॉलो करने से फायदा हो सकता है।

पिस्ता का चयन कैसे करें:

pista छिला हुआ न हो। छिलके वाले पिस्ते लंबे समय तक ताजे रहते हैं।

अगर पिस्ता छिला हुआ है, तो उसमें दाग धब्बे न हों।

पिस्ता (pista)का रंग हरा होना चाहिए।

pistaमें कीड़े के द्वारा छेद न किया गया हो।

पिस्ता को लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखेंः

पिस्ता को एयर टाइट बैग में सील करके लंबे समय तक रखा जा सकता है।

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