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स्वस्थ जीवन आरोग्य अंक /आयुर्वेद के साथ

आयुर्वेद दुनिया का प्राचीनतम चिकित्सा प्रणाली है Ιऐसा माना जाता है की बाद मे विकसित हुई अन्य चिकित्सा पद्धतियों मे इसी से प्रेरणा ली गई है Ιकिसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करने के खासियत के कारण आज अधिकांश लोग आयुर्वेद के तरफ जा रहे हैΙइस लेख मे हम आयुर्वेद चिकित्सा से जुड़ी हर एक रोग और उसके इलाज के बारे मे बताएंगे Ιआयुर्वेद चिकित्सा के साथ सभी प्रकार के जड़ी -बूटी के बारे मे तथा आयुर्वेद के 8 प्रकारों से हर तरह के रोगों के इलाज के बारे मे बताया गया हैΙ सभी पोस्टों को पढे ओर जानकारी अवश्य ले ताकि आप भी अपना जीवन आरोग्य के साथ healthy बना सके| thanks . 

बादाम से कुछ रोगों का इलाज(Treatment of some diseases with almonds)-

बादाम(Almonds) के पेड़ हमारे भारत मे पैदा नहीं होता है यह यूरोप या तुर्की से यह आते है|कश्मीर और पंजाब के अंदर इसकी खेती की जाती है|इसका पेड़ माध्यम कद का होता है|इसके पत्ते कुछ भूरे और फूल सफेद होते है|इसकी दो जाती होती है एक मीठी और दूसरी कड़वी| बादाम का फल गरम ,तेलयुक्त , पचने मे भारी, उद्वीपक, मृदु,विरेचक,वात एवं पित को नष्ट करने वाला और गलित कुष्ट मे लाभदायक है|

बादाम(Almonds) भित्री और बाहरी दोनों प्रयोग मे कई प्रयोजन से उपयोग मे आता है|बादाम सारक ,गरम ,भारी, कफकारक ,स्त्रीगध ,सुस्वाद,कसैला,शुक्र जनक,वात नाशक और उष्णवीर्य होता है|कच्चा बादाम सारक,भारी,पितजनक,तथा कफ वात और पित के कोप को नष्ट करता है|पक्का बादाम मधुर,स्त्रीगध,पोस्टिक,शुक्राल,कफकारक,तथा रक्तपित और वात पित को नष्ट करता है|सूखा बादाम मधुर,धातुवर्धक,स्त्रीगध, बालकारक होता है| 

Almonds

उपयोगिता- 

1. मस्तिष्क,कामशक्ति और नेत्रों के दृष्टि को यह बल प्रदायक है|बादाम का मगज 6 तोले  भर मिश्री के साथ रात को सोते समय खाने से दिमाग की कमजोरी मीट जाती है| आंतों के जलन मे भी यह लाभदायक है|आमाशय मे चिकने दोषों के इकट्ठे होने से जो पेचीस हो जाती है उसमे यह लाभदायक है|इसके सेवन से नया वीर्य पैदा होता है|और पुराने वीर्य की गर्मी और दोष दूर होता है|किडनी के लिए एक पोस्टिक वस्तु है| बादाम को भून कर खाने से मेदे की सुस्ती और ढीलापन नष्ट हो जाता है|

2. कडवे बादाम का मगज स्वाद वाला, सूजन के लिए लाभदायक, जलोदर, मस्तकसुल,और आँखों की कमजोरी मे श्रेयस्कर है|यह ब्रोकाईटिज, पुराने व्रण ,गीली खुजली,और पागल कुत्ते के विष पर भी उपयोगी मानी जाती है|कडवे बादाम का तेल मृदु विरेचक,कृमिनाशक और घाव को अच्छा करने वाला होता है|यह किडनी, यकृत, और तिल्ली की वेदना को दूर करता है|पुरातन प्रमेह ,कर्णशुल, गले की वेदना और चर्मरोग तथा कब्जियत को दूर करता है|

3. इस पौधे की जड़ धातुपरिवर्तक है|और यह भीतरी एवं बाहरी दोनों प्रयोगों मे आती है| बादाम का रस शक्कर के साथ मिलाकर कफ और खासी को दूर करने के लिए दिया जाता है|बादाम को अंजीर के साथ मिलाकर मृदु, विरेचक और आंतों के दर्द को दूर करने के लिए दिया जाता है|

4. मीठे बादाम का जला हुआ छिलका दाँतों को मजबूत करता है| इसका तेल मीठा, मृदु, विरेचक,मस्तिष्क के लिए पोस्टिक, मूच्र्छा और यकृत की शिकायतों के लिए लाभदायक, सुखी खासी को दूर करने वाला ,गले को साफ और कालिक शुल को दूर करने वाला होता है|

5. मीठे बादाम का तेल हल्का होता है|और दिमाग मे बहुत तरी पैदा करता है|सिर दर्द को मिटाता है|संनिपत और निमोनिया मे लाभदायक है|कब्ज को दूर करता है|इसका निरंतर उपयोग हिस्टीरिया के बीमारी मे बहुत लाभदायक है|

6. गर्भवती स्त्री को 9 वा महिना लगते ही मीठे बादाम के ताजे तेल को प्रतिदिन प्रातः 1 तोले की मात्रा मे दूध के साथ या और किसी प्रकार से देने से प्रसव मे बहुत आसानी होती है|

7. यह शरीर के लिए बहुत अच्छी शक्ति है|यह नया खून पैदा करता है और पुराने खून को शुद्ध करता है|इसका शीत निर्यास शक्कर के साथ सुखी खासी को आराम आता है|इसको देने से कफ के साथ आने वाला खून बंद हो जाता है|दमा और निमोनिया के लिए भी यह लाभप्रद है|यह मूत्र नली की सूजन और सुजाक मे भी सेवनीय है|अंजीर क साथ बादाम देने से कब्जियत मीट जाती है|

8. बादाम की गोंद– मीठे बादाम की गोंद गर्म , तर, काबिज, और गले के दर्द , पुरानी खासी तथा राजयक्ष्मा मे श्रेयस्कार है| यह शरीर को मोटा करता है और कफ मे खून आने को रोकता है| पथरी मे भी इसका प्रयोग उतम है| 

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