1. सिर दर्द को ठीक करे :
सिर दर्द होने पर दोनों हाथों के केहुनी के ऊपर रस्सी से खूब कस के बांध देना चाहिए |इससे 5-7 मिनट मे सिर दर्द ठीक हो जाएगा |ऐसा बांधना चाहिए की रोगी को हाथ मे अत्यंत दर्द महसुश हो |सिर दर्द अच्छा होते ही बांह खोल देनी चाहिए |
सिर दर्द दूसरे प्रकार का भी होता है ,जिसे साधारणतः अधकपाली कहते है |यह कपाल के मध्य से लेकर आधा भाग मे होता है |यह प्रायः सूर्योदय के time से लेकर शुरू होती है और दिन चढ़ने के साथ ये व बढ़ती जाती है |दोपहर के बाद घटना प्रारंभ होती है और सायं तक नहीं होती है , फिर सायं से लेकर रात तक ठीक रहती है फिर अगले सुबह होती है |इस रोग के होने पर सर के जिस भी हिस्सा मे दर्द हो (left /right )उस तरफ के हाथ के केहुनी के ऊपर रस्सी बंधनी चाहिए |थोड़े ही देर मे दर्द ठीक हो जाएगा |
2. दांत की रोग (tooth diseases ):
प्रतिदिन जितनी बार मल -मूत्र का त्याग करे ,उतनी बार दाँतों के दोनों पंक्तियों को मिलाकर जोर से दबाए रखे |जब तक मल -मूत्र निकलता रहे तब तक दांतों को मिलाकर दबाए रखना चाहिए |दो -चार दिन ऐसा करने से कमजोर दांतों के जड़ मजबूत हो जाएगी |नियमित अभ्यास करने से दाँत बहुत मजबूत हो जाता है |और दाँत लंबी समय तक काम देते है |तथा दाँतों मे किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं होती है |
इसी प्रकार आप बिना औषधि का भी लाभ प्राप्त कर सकते है| ये तो थे बिना औषधि के दांतों के problems को ठीक करने का तरीका| अब हम एक बहुत ही करकर नुस्खे के बारे मे आपको बताए है|
ये इस प्रकार है-
दाँत दर्द निवारक अनुभूत नुस्खे-
खड़ी सोंठ को पानी मे शीला(पत्थर) -पर घिसकर लेप तैयार कर ले एवं लेप को गर्म करके( सहन करने योग्य गर्म) जिस दाँत या दाढ़ मे दर्द हो उसी तरफ गालपर लगाकर सूखने तक रहने दे| तत्काल लाभ होगा| लेप को 4-5 घंटे तक रहने दे|
विशेष- ध्यान रहे , इस लेप का प्रयोग मुंह के अंदर की तरफ नहीं करे| लेप का प्रयोग लाभ के लिए 3 दिन लगातार करे|
3. स्नायविक वेदना-
छाती ,पीठ या बगल मे , चाहे जिस भी स्थान पर स्नायविक वेदना या अन्य किसी प्रकार का वेदना हो तो , वेदना मालूम चलते ही जिस नासिक से स्वास चलता हो , उसे बंद कर देना चाहिए| 2-4 min मे अवश्य ही वेदना चली जाएगी|
4. प्लीहा-
रात को बिछौने पर सोकर और सबेरे शय्या के समय हाथ और पैर को सिकोड़ कर छोड़ देना चाहिए|फिर कभी इस करवट कभी उस करवट टेड़ा-मेड़ा शरीर करके सारे शरीर को सिकोड़ना और फैलाना चाहिए|प्रतिदिन 4-5 मिनट ऐसे करने से प्लीहा-यकृत (तिल्ली-लिवर) रोग दूर हो जायगा|हमेशा इसका प्रयोग करने से प्लीहा तथा यकृत रोग की पीडा नहीं भोगनी पड़ेगी|
5. अन्तरिया ज्वर-
श्वेत अपराजिता अथवा पलाश के पत्तों को हाथ से मलकर ,कपड़े से लपेट कर एक पोटली बना लेनी चाहिए|और जिस दिन लगे की ज्वर जैसा महसूस हो रहा है उस दिन सुबह से ही सूंघना शुरू कर देना चाहिए|शरीर के अंदर की ज्वर( अन्तरिया ज्वर) बंद हो जाएगा|
बिना औषधि के सिर दर्द कैसे ठीक करे?
सिर दर्द होने पर दोनों हाथों के केहुनी के ऊपर रस्सी से खूब कस के बांध देना चाहिए |इससे 5-7 मिनट मे सिर दर्द ठीक हो जाएगा |ऐसा बांधना चाहिए की रोगी को हाथ मे अत्यंत दर्द महसुश हो |सिर दर्द अच्छा होते ही बांह खोल देनी चाहिए |
बिना औषधि के दाँत मजबूत कैसे करे?
प्रतिदिन जितनी बार मल -मूत्र का त्याग करे ,उतनी बार दाँतों के दोनों पंक्तियों को मिलाकर जोर से दबाए रखे |जब तक मल -मूत्र निकलता रहे तब तक दांतों को मिलाकर दबाए रखना चाहिए |दो -चार दिन ऐसा करने से कमजोर दांतों के जड़ मजबूत हो जाएगी |नियमित अभ्यास करने से दाँत बहुत मजबूत हो जाता है |और दाँत लंबी समय तक काम देते है |तथा दाँतों मे किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं होती है |
बिना औषधि के अन्तरिया ज्वर मे आराम कैसे पाए?
छाती ,पीठ या बगल मे , चाहे जिस भी स्थान पर स्नायविक वेदना या अन्य किसी प्रकार का वेदना हो तो , वेदना मालूम चलते ही जिस नासिक से स्वास चलता हो , उसे बंद कर देना चाहिए| 2-4 min मे अवश्य ही वेदना चली जाएगी|