केला(banana) फल ही नहीं रोगोंसे लड़नेवाला योद्धा है। इससे मस्तिष्कको सेरोटोनिन मिलती है। मानसिक रूपसे परेशान व्यक्तियोंके मस्तिष्कमें सेरोटोनिनकी कमी होती है। केलेमें यह कमी पूरी करनेकी अद्भुत क्षमता है।
केला मोटापा नहीं बढ़ाता। केलेमें सोडियम बहुत कम होता है तथा कोलेस्ट्रोल बिलकुल नहीं होता। अतः डाइटिंग करनेवाले इसका सेवन कर सकते हैं।
केलेमें आवश्यक पोटैशियम होता है जो उच्च रक्तचापके नियन्त्रणमें तथा कई तरहके हृदय रोगोंमें फायदेमंद रहता है। केला आँतोंकी सड़न रोकता है। केलेका कैल्सियम आँतोंकी सफाई करनेमें अत्यन्त प्रभावी भूमिका निभाता है।
केलेका नियमित सेवन अनिद्रा और कब्ज दूर करके पेशाबकी जलन मिटाता है। यह अतिसार, आँत और कुष्ठ तथा हृदयरोगियोंके लिये प्राकृतिक औषधि है। यह आसानीसे पच जाता है, अतः वायु-विकार उत्पन्न नहीं करता। केला शीतल, पौष्टिक, बलवर्धक, कान्तिवर्धक, मधुर, स्निग्ध, वातपित्तनाशक और कफकारक रहता है। यह तृष्णा एवं दाह का नाश करता है।
~ केला पौष्टिक तत्त्वोंसे भरपूर रहता है। हरे केलेमें स्टार्च काफी मात्रा (64 से 74 प्रतिशत) में तथा शर्करा कम (2 प्रतिशत) रहती है, परंतु पकनेपर स्टार्च शर्करा (7 से 25 प्रतिशत तक) में बदल जाती है।
~पके केलेकी विशिष्ट खुशबू उसमें उपस्थित एमाइल एसीटेटके कारण रहती है। कच्चा केला क्लोरोफिलके कारण हरा रहता है, परंतु पकनेपर एंजाइमोंकी क्रियासे जैथोफिल तथा केरोटिन नामक पीले रसायनोंमें बदल जाता है।
~पके केले में 70 प्रतिशत पानी, 1.2 प्रतिशत प्रोटीन, 0.2 प्रतिशत वसा,22-25 प्रतिशत शर्करा तथा 1 प्रतिशत रेशा रहता है। इसमें कैल्सियम 17मिलीग्राम, फास्फोरस 36 मिलीग्राम तथा लोहा 0.9 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राममें रहता है। इसमें विटामिन ‘ए’ 430 मिलीग्राम, थायमिन 0.09 मिलीग्राम, राइबोफ्लेविन 0.06 मिलीग्राम, नायसिन 0.6 मिलीग्राम तथा विटामिन ‘सी’ 10 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राममें रहता है। सौ ग्राम केला 99 कैलोरी ऊर्जा देता है।
~केलेके छिलकेके नीचे विटामिन होते हैं, जो केलेके पकनेपर उसके गूदेमें चले जाते हैं तथा छिलका पतला और चित्तीदार हो जाता है।
~ पका केला ठंडा, रुचिकर, मीठा, सुस्वादु, पुष्टिकारक, रक्तविकारनाशक, पथरी, रक्तपित्त दूर करनेवाला, प्रदर एवं नेत्ररोग मिटानेवाला होता है।
~ केले में फास्फोरस ज्यादा रहता है, जो मन-मस्तिष्कको शक्ति प्रदान करता है।
~ केले में पैक्टिन नामक एक पदार्थ रहता है जो मलको मुलायम बनाकर पेटकी सफाई करता है।
~ केलेके छिलकेके अंदरवाला पतला मुलायम रेशा कब्ज दूर करके आँतोंको ठीक रखता है।
~ केला (banana)क्षारधर्मी फल होनेके कारण खूनकी अम्लताको दूर करके क्षारीयता बढ़ाता है।
~ केले के सेवनसे बच्चोंका वजन जल्दी बढ़ता है। कमजोर व्यक्तियोंकी पाचनशक्ति ठीक होती है। भूख ज्यादा लगनेसे वे जल्दी हृष्ट-पुष्ट बनाते हैं।
~ बच्चोंको दूधके साथ केला खिलानेसे यह स्वास्थ्यवर्धक, पुष्टिकारक तथा सुपाच्य रहता है। इसमें बोड़ा शहद मिलाकर खिलाया जाय तो संक्रामकरोगसे भी बचाव होता है।
~सुबह नाश्तेमें केला खाकर दूध पीना एक संतुलित तथा सम्पूर्ण आहार है। इसके सेवनसे पित्त-विकार दूर होते हैं।
~ केला (banana)उच्च रक्तचापके नियन्त्रणमें सहायक है। यह हृदयरोग, अतिसार और आँखोंके लिये प्राकृतिक औषधि है।
~ स्कर्वी रोग पके केलेका नित्य सेवन रामबाण औषधि है। यह अँतड़ियोंमें विजातीय पदार्थोंकी सड़न रोकता है।
~ दहीके साथ केलेके सेवनसे दस्त बंद हो जाते हैं। यह आँतोंके प्रवाहमें आराम दिलाता है। आँतके रोगोंको केला बिना ऑपरेशन ठीक कर देता है।
~ यह एकमात्र फल है जो पेटके जख्मके रोगियोंको दिया जा सकता है। यह पेटका अल्सर भी दूर करता है।
~ पेचिशमें केलेको दहीमें मथकर उसमें थोड़ा जीरा तथा काला नमक मिलाकर देनेसे फायदा होता है। अम्लता, पेटकी जलन और पित्तमें केला खाना लाभदायक है।
~ मुँहमें छाले हों तो केला खानेसे लाभ होगा।
~ नकसीरमें २-३ पके केलोंका गूदा, दूध तथा शक्कर मिलाकर पीनेसे आराम मिलता है।
~ पके केलेको मंद आँचमें पकाकर नमक, काली मिर्च मिलाकर दमाके रोगीको खिलानेसे लाभ होता है।
~ जिन स्त्रियोंको सफेद पानीकी शिकायत हो उन्हें कुछ रोज नियमित दो-तीन केले खानेसे फायदा हो जायगा।
~ बार-बार पेशाब लग रहा हो तो बार-बार केला खाना चाहिये।
~ टाइफायड बुखार उतरनेके बाद छोटी इलायचीके चूर्णके साथ रोगीको पका केला खिलाना चाहिये। इससे बुखारसे आयी दुर्बलता दूर हो जाती है।
~ पीलियारोगमें रोगीको कम-से-कम चार पके केले नित्य खाने चाहिये तथा कच्चे केलेकी सब्जी भी खानी चाहिये।
~ पेटमें जलन हो तो पका केला खाये।
~ प्रातःकाल दूधमें पका केला फेंटकर सेवन करना पुष्टिकारक एवं तृप्तिदायक आहार है। दुबले व्यक्तियोंके वजन बढ़ानेमें यह मदद करता है।
~ आधा कप गायके दहीमें एक केला तथा छोटी इलायचीका चूर्ण मिलाकर दिनमें दो-तीन बार चाटनेसे मुँहके छाले ठीक हो जाते हैं।
~ पका केला शहदके साथ प्रातःकाल खानेसे हृदय बलवान् बनता है, दिलकी धड़कन तथा दिलके दर्दमें लाभ होता है।
~ स्त्रियोंके प्रदररोगमें पका हुआ एक केला पाँच ग्राम घीके साथ कुछ दिन सुबह-शाम सेवन करनेसे लाभ होता है।
~ पके केलेके लगातार सेवनसे सूखी खाँसी, गलेकी खराश तथा गुर्दोंकी कमजोरी दूर हो जाती है।
~ पका केला कृमिरोगनाशक है। इसके सेवनसे रक्तकी खराबी दूर होकर त्वचाके रोग नष्ट हो जाते हैं।
~ दाद, खाज, खुजलीमें पके केलेमें नीबूका रस मिलाकर मरहम बनाकर लगाये।
~जलनेपर पके केलेका गूदा मरहमकी तरह लगानेसे जलन शान्त होगी तथा फफोले नहीं पड़ेंगे।
~ पके केले(banana)के गूदेमें आटा मिलाकर पानीके साथ गूंथ ले; इसे गरम करके सूजनवाले स्थानपर बाँधनेसे सूजन दूर हो जायगी।

~ चोटपर केलेका छिलका बाँधनेसे आराम मिलता है| घाव पर केले के पानी लगाकर पट्टी बांधने से घाव जल्दी भर जाता है|
~ जो बच्चा मिट्टी खाता हो, उसे पाँच ग्राम शहदके साथ एक केला प्रतिदिन खिलाये। इससे पेटकी मिट्टी बाहर आ जायगी तथा बच्चेकी मिट्टी खानेकी आदत छूट जायगी।
~ बच्चा काँचकी गोली, सिक्का आदि निगल जाय तो उसे केला खिलाना चाहिये।
~ केले के तनेका रस गुर्दे, लीवर तथा फेफड़ेके रोगोंमें लाभप्रद है।
~ खूनी दस्त तथा आँवमें दिनमें तीन बार केलेके तने के रस 2-2 चम्मच पीने से लाभ होता है|
सावधानियाँ:-
* केले को दिनमें ही खाना चाहिये, क्योंकि गरमीमें यह जल्दी पचता है। रातमें खाया केला जल्दी हजम नहीं होता।
* खाली पेट केला नहीं खाना चाहिये। खानेके बाद या भोजनके साथ ही इसे खाये।
* केला (banana)खाकर पानी न पिये बल्कि दूध या छोटी इलायची खानेसे केला जल्दी हजम हो जायगा।