शहद- कितना गुणकारी!
शहद(honey) आयुर्वेदिक चिकित्सा-पद्धति का महत्वपूर्ण तत्व है| इसके बिना आयुर्वेदिक औषधी उपचार अधूरा माना गाय है|प्रकृति मे जो विविध फूलों का रस भरा पड़ा है, मधुमक्खी फूलों से विभिन्न प्रक्रियाओ से लाकर उसको शहद के रूप मे तैयार करती है|
शुद्ध शहद की पहचान-
शहद (honey)आदि काल से ही मधुर द्रव्य का प्रतिनिधि रहा है| इसके प्रयोग से ही इसकी उपयोगिता एवं औषधीय गुणों की जानकारी होती है|शहद मे कई तत्व विधमान है|इसमे ग्लूकोस तथा फ्रक्टोस प्रयाप्त मात्रा मे होता है| शुद्ध शहद पानी मे अपने आप नहीं घुलता है|जब की चीनी थोड़ी ही देर मे स्वतः घुल जाती है|यह शहद की समान्य पहचान है|जो शहद जितना गढ़ा होगा , उसमे निमी की जितनी कमी होगी, शुद्धता की दृष्टि से वह उतना ही अच्छा माना जाता है|शहद ठंढ मे जम जाता है और गर्मी मे स्वतः ही पिघलने लगता है|
शहद के औषधीय गुण-
शहद की अपनी तासीर गरम होता है|खासकर शहद जिस समय छाते से निकलते है, उस समय इसका प्रभाव गर्म होता है|धीरे-धीरे इसका प्रभाव समान्य होता जाता है|शहद का विशेष गुण यह भी होता है की गर्म पानी मे लेने से गर्म तथा शीतल पानी मे मिलाकर उपयोग करने से ठंडा होता है|सुबह और सायं गर्म पानी मे शहद मिलाकर पीने से शरीर की चर्बी कम होती है|आँखों मे एक बूँद प्रतिदिन डालने से आँखों की ज्योति बढ़ती है|तथा आँख की प्रतिरोधक क्षमता मे वृद्धि होती है|गर्मियों मे शहद की शिकंजी, जिसमे एक बड़े चम्मच शहद और एक दो बूंद नींबू का रस मिलाकर पीने से शरीर को तत्काल ऊर्जा मिलती है, और इससे पेशाब भी खुल के आती है|
अदरख और तुलसी के रस को चम्मच मे गर्म कर उसमे शहद मिलाकर उपयोग करने पर यह योग खासी- जुकाम मे रामबाण प्रमाणित होता है|केवल शहद खाने से भी फायदा होता है|शहद मुह मे रखते ही तत्काल घुलकर शरीर मे सीधे ऊर्जा देता है|जितना जल्दी शहद पचता है उतना जल्दी अन्य कोई पदार्थ नहीं पचता | अनुपान के रूप मे शहद का सेवन करने से औषधी की शक्ति बढ़ जाती है|
शहद कटे, फोड़े-फुंसियो परएंटीसेप्टिक का काम करता है|चेचक के दाग शहद और नींबू से हल्के किए जा सकते है|इन्हे मिलाकर चेहरे पर लगाया जाता है जिससे चेहरे की कान्ति लौट आती है| नवजात शिशु को जन्म के तुरंत बाद शहद चाटाने से बच्चा निरोगी होता है|केवल शहद नियमित सेवन करने से दिल और दिमाग को शक्ति देता है|तथा दीर्घ जीवन प्रदान करता है|इसलिए शहद को एक अर्थ मे अमृत कहा जाता है| ज्यादा पुराना शहद अपना स्वाद,गुण, एवं रंग खो देता है|इसलिए ताजे शहद का प्रयोग ही अधिक करना चाहिए|गुणकारी तथा सुस्वाद शहद अपनी देशी मधुमक्खी ही बनाती है|शहद का प्रयोग विशेषकर बच्चों और बूढ़ों को अधिक करना चाहिए|
शहद के उपयोग से निम्न रोगों के लिए औषधी-
शहद मे दीर्घायु रखने एवं स्वास्थ बनाए रखने की वैसी ही अद्भुत शक्ति है|
- थकान होने पर शहद के सेवन से ताजगी आती है|
- शहद को नारंगी, दूध, केवड़ा-रस तथा पानी मे मिलाकर पीने से मांशपेसिओ को तुरंत शक्ति मिलती है|
- काली खासी होने पर शहद के साथ दो बादाम लेने से आराम मिलता है|
- बवासीर मे एक चुटकी त्रिफला मिलाकर लेने से आराम मिलता है|
- शरीर के किसी भाग के जलने पर शुद्ध शहद लगाने से जलन कम होती है और आराम मिलता है|
- बीछू के काटे हुए स्थान पर शहद, घी और चुना बराबर मात्रा मे मिलाकर लगाने से जहर उतर जाता है|
- गर्म पानी मे शहद मिलाकर दिन मे तीन बार लेने से जुकाम ठीक होता है|
- शहद चाटने से हिचकी बंद होती है|
- शहद नियमित सेवन करने से कब्ज मिटता है|
- शुद्ध शहद आँखों मे लगाने से रोशनी बढ़ती है|
- शहद-सेवन से पुराने घाव भी जल्दी भर जाते है|
- अदरख का रस और शहद मिलाकर बराबर लेने से खासी और कफ दूर होते है|
- सुबह शौच जाने से पहले एक ग्लास ठंढे पानी मे 2 चम्मच शहद मिलाकर नियमित रूप से लेने से शरीर का मोटापन और भारीपन दूर होता है|
- यही किसी घाव से खून बंद न्हु होता हो तो उसपे शहद लगाना चाहिए|
- अनिंद्रा के सिकायत मे नियमित रूप से शहद लेने से अच्छी नींद आती है|
- सुजाक-रोग मे ठंढे पानी के साथ शहद लेने से आराम मिलता है|
- शहद को पानी के साथ पीने से चर्म रोग मिटता है|
- रक्तचाप बढ़ने पर लहसुन के साथ शहद लेना चाहिए|
- बच्चों को 9 मास शहद देने से किसी प्रकार का रोग नहीं होता है|शहद कीड़े एवं पायरिया से दाँतों को बचाता है, और बच्चों को दाँत निकलने की पीड़ा भी नहीं होती है|
- मलेरिया बुखार मे एक ग्लास मे गर्म जल लेकर उसमे दो चम्मच शहद डालकर पीने से खूब पसीना आकार बुखार उतार जाता है|
- मुंह मे फोड़े तथा फुंसी मे सुबह शुद्ध जल दो चम्मच शहद डालकर लेना चाहिए|
- आंतों की शिकायत मे आवले के रस के साथ शहद का सेवन करना चाहिए|
- अनार के रस मे शहद मिलाकर लेने से दिमागी कमजोरी, सुस्ती, निराश तथा थकावट दूर होती है|
- आधे सीर दर्द मे एक छोटे प्याले मे गुनगुना पानी करके उसमे 2 चम्मच शहद डाल कर पीना चाहिए|
- टांसिल बढ़ने पर सेब के रस मे शहद मिलाकर लेना चाहिए|