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स्वस्थ जीवन आरोग्य अंक /आयुर्वेद के साथ

आयुर्वेद दुनिया का प्राचीनतम चिकित्सा प्रणाली है Ιऐसा माना जाता है की बाद मे विकसित हुई अन्य चिकित्सा पद्धतियों मे इसी से प्रेरणा ली गई है Ιकिसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करने के खासियत के कारण आज अधिकांश लोग आयुर्वेद के तरफ जा रहे हैΙइस लेख मे हम आयुर्वेद चिकित्सा से जुड़ी हर एक रोग और उसके इलाज के बारे मे बताएंगे Ιआयुर्वेद चिकित्सा के साथ सभी प्रकार के जड़ी -बूटी के बारे मे तथा आयुर्वेद के 8 प्रकारों से हर तरह के रोगों के इलाज के बारे मे बताया गया हैΙ सभी पोस्टों को पढे ओर जानकारी अवश्य ले ताकि आप भी अपना जीवन आरोग्य के साथ healthy बना सके| thanks . 

सोयाबीन: सम्पूर्ण संतुलित भोजन

सोयाबीन -

सोयाबीन एक ऐसा पुष्टिकारक अन्न है, जिसमे प्रोटीन,वसा,श्वेतसार,खनिज,लवण,iron, विटामिन’बी’ आदि पोषक तत्व प्रचुर मात्रा मे विधमान रहते है|इसमे मिलने वाला प्रोटीन किसी भी आमिश-निरामिष पदार्थों मे पाए जाने वाले प्रोटीन से उन्नत किस्म का होता है|यह प्रोटीन उच्च कोटी के होने के साथ ही 35-40% तक पाया जाता है|

यह बालक, वृद्ध तथा रोगी सभी के लिए हितकर है|इससे कब्ज और गैस के रोग नहीं होते तथा बालकों का शरीर का बिकास होता है|इसमे कॉलेस्टरल की मात्रा भी कम होती है|इसके नियमित प्रयोग से बल-वीर्य की वृद्धि होती है|शाकाहारियों को प्रकृति के इस अनमोल उपहार का प्रयोग करना ही चाहिए|इसमे अति गुणकारी तत्वों की अपेक्षा इसका मूल्य भी काफी सस्ता है|

सोयाबीन

इसके दैनिक उपयोग की निम्नलिखित विधियाँ है- 

1. सोयाबीन आटा-

सोयाबीन

पानी मे लगभग 10 घंटे भिगो दे| फिर सुखाकर चक्की मे इसका आता पिसवा ले| इसकी अत्यंत स्वादिष्ट रोटी बनती है|स्वास मे गेहू के आटे से कुछ अलग होती है|इसके आटे से अनेक प्रकार की पकवान तैयार की जाती है| गेहू के आटे मे मिलाकर इससे रोटी ,पराठा,हलवा आदि बनाते है|इसके आटे को अधिक दिनतक नहीं रखा जा सकता|

2. सोयाबीन दुध -दही-

सोयाबीन

सोयाबीन को लगभग 10 घंटे पानी मे भिगो दे| फिर इसे बारीक पीस कर समुचित मात्रा मे पानी मिलाए ताकि यह दूध जैसा हो जाय|इसका स्वाद ठीक करने के लिए पिस्ते समय इसमे 2-3 छोटी इलाईची मिला दे तथा दूध को आधे घंटे तक उबाले|गुणकारी और पोस्टिक दूध तैयार हो गया| इस दूध मे जामन डालकर दही भी जमाया जा सकता है|

3. सोयाबीन का तेल-

सोयाबीन

सरसों तथा मूंगफली की तरह सोयाबीन का भी तेल निकाला जाता है|पोस्टिक होने के साथ ही अन्य खाद्य तेलों से अधिक सस्ता होता है| वनस्पति या सरसों के तेल के स्थान पर इसका प्रयोग कर सकते है|इसका तेल बाल मे लगाने से बाल काले होते है|सोयाबीन के तेल मे कुछ बूँद नींबू का रस मिलाकर लगाने से मुहासे ठीक हो जाते है|

4. सोयाबीन बड़ी-

सोयाबीन के तेल निकालने के बाद इसका जो छिलका बचता है, उससे निर्मित बड़ी पोस्टिक होती है|सब्जी,दाल आदि मे डालकर इसको उपयोग मे लाते है|

5. सोयाबीन की चटनी-

सोयाबीन

भिगोए हुए सोयाबीन मे अनुपात से नमक-मिर्च इत्यादि डालकर पीस ले| स्वादिष्ट चटनी रूप मे इसका प्रयोग कर सकते है या आप इसे कई तरीके से चटनी बनाकर enjoy कर सकते है|

6.सोयाबीन खली -

सोयाबीन खली

पशुओ को इसकी खली खिलाने से दूध की मात्रा बढ़ जाती है| बच्चों के लिए यह दूध बहुत गुणकारी होता है|

सोयाबीन- सम्पूर्ण संतुलित भोजन

आज कल सोयाबीन का प्रयोग बढ़ रहा है| इसका प्रयोग सोयाबीन-तेल,सोया-चटनी,सोया-प्रोटीन आदि के रूप मे किया जा रहा है|इस भोजन को वसारहित भोजन कह सकते है|

सोयाबीन रक्तचार को संयत रखता है| यह रेशेदार भोजन है, जो पाचन के लिए सर्वोतम है|यह वजन को घटाकर शरीर को स्फूर्ति देता है|उच्च रक्तचाप वाले रोगी के लिए यह उत्तम भोजन है|

समान्य रूप से सोयाबीन के निम्नलिखित लाभ दिखते है- 

  1. यह रक्ताल्पता दूर करता है|
  2. पाचनशक्ति बढ़ाता है|
  3. कब्ज दूर करत है|
  4. कॉलेस्टरल की मात्रा घटाकर हृदय रोगो को दूर करता है|
  5. वजन घटाकर शरीर को स्फूर्तिदायक बनाता है|
  6. वसारहित होने के कारण उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए उत्तम है|
  7. बच्चों के दूध का विकल्प है|
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