Aarogya Anka

स्वस्थ जीवन आरोग्य अंक /आयुर्वेद के साथ

आयुर्वेद दुनिया का प्राचीनतम चिकित्सा प्रणाली है Ιऐसा माना जाता है की बाद मे विकसित हुई अन्य चिकित्सा पद्धतियों मे इसी से प्रेरणा ली गई है Ιकिसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करने के खासियत के कारण आज अधिकांश लोग आयुर्वेद के तरफ जा रहे हैΙइस लेख मे हम आयुर्वेद चिकित्सा से जुड़ी हर एक रोग और उसके इलाज के बारे मे बताएंगे Ιआयुर्वेद चिकित्सा के साथ सभी प्रकार के जड़ी -बूटी के बारे मे तथा आयुर्वेद के 8 प्रकारों से हर तरह के रोगों के इलाज के बारे मे बताया गया हैΙ सभी पोस्टों को पढे ओर जानकारी अवश्य ले ताकि आप भी अपना जीवन आरोग्य के साथ healthy बना सके| thanks . 

स्मरण शक्ति (memory power )की दुर्बलता को कैसे ठीक करे?

1. memory power(स्मरण शक्ति)-

स्मरण(memory power ) शक्ति मस्तिष्क की एक प्रमुख शक्ति है| देखने-सुनने से जो ज्ञान प्राप्त होता है उसे सुरक्षित रखना और फिर समय पर प्रकट करना स्मरण का कार्य है|ग्रहण करने की इस शक्ति की ‘मेधा’ कहते है|

जो आहार हम ग्रहण करते है वो पचकर रस बनता है, रस से रक्त, मांस,मज्जा, हड्डी एवं वीर्य का निर्माण होता है| इन धातुओ मे वीर्य की मात्र अत्यल्प होती है| यही वीर्य शक्ति रूप होने पर ओज कहलाता है| इस ओज से ही शरीर तेजवान बनता है| ओज मस्तिष्क को पुष्ट करने के साथ ही स्मरण शक्ति (memory power )को भी ठीक रखता है|

वीर्य का धारण ब्रम्हचर्य से होता है| ब्रम्हचर्य के अभाव मे वीर्य और ओज का क्षय होता है| ओज के क्षय से स्मरण शक्ति कमजोर पड़ जाती है|इसलिए तीव्र स्मरण शक्ति के लिए आवश्यक है नियम संयम पूर्वक ब्रम्हचर्य का पालन करना| ब्राम्हचर्य के लिए मन की एकाग्रता एक महत्वपूर्ण उपादान है| तनाव-पूर्ण दिनचर्या- राग-द्वेष, प्रतिसपर्दा  आदि के कारण चित उदविग्र रहता है| दैनिक जीवन के तनाव का मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ता है|

 मस्तिष्क के थक जाने पर स्मरण शक्ति धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लग जाती है| तेज स्मृति के लिए आवश्यक है स्वास्थ शरीर मे स्वास्थ मन| जिस प्रकार से एक स्थान पर एकत्रित की हुई संकेंद्रित सूर्य की किरणे किसी वस्तु के जलातक नहीं सकती है और बिखरी हुई सूर्य की किरणों मे यह शक्ति नहीं होती, उसी प्रकार मन है| एकाग्र मन मे अपार शक्ति निहित होती है|

 

स्मरण शक्ति,memory power

उम्र के बढ़ने पर भी मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ने लगता है, स्मरण शक्ति भी कम होने लगती है| पर मूल बात यह है की उम्र बढ़ने पर शरीर मे रस, रक्त, वीर्य एवं ओज का समुचित मात्रा मे निर्माण नहीं हो पाता है| धीरे-धीरे कम होता जाता है| जिससे मस्तिष्क और तत्संबंधी भी क्रियाकलाप भी क्षीण होने लगते है|अहिक उम्र मे रक्तचाप वृद्धि तथा धमनी स्रोतों के रोध को रोकने के उपाय से स्मृति ठीक रहती है| 

2. स्मरण शक्ति (memory power )बढ़ाने के लिए समान्य रूप से निम्नलिखित उपाय करने चाहिए-

  1. प्रातः काल योगासन,प्राणायाम, ध्यान आदि नियमित रूप से करे| योगासन मे सर्वांग्नडासन , शीर्षासन, धनुरासन,मत्स्यासन,पच्श्रिमोतासन , मयूरासन तथा हलासन का अभ्यास करे|
  2. किसी शांत स्थान मे पधासन लगाकर बैठे जाय, चित को स्थिर करते हुए प्राणायाम करे| उसके बाद आंखे बंद करके श्वास-प्रव्श्रस पर ध्यान लगाए| थोड़ी देर बाद पुनः नाक की नोक को कुछ सेकंड तक एकटक देखे और आंखे खोलकर दोनों भौहो के बीच मे ध्यान केंद्रित करे| यह क्रिया बार-बार दुहराए|
  3. संतुलित आहार का सेवन करे| भोजन मे प्रायप्त मात्रा मे प्रोटीन, विटामिन, खनिज लवण, वसा आदि होने चाहिए| मौसमी फल, साग-सब्जी, चोकरयुक्त आटे की बनी रोटी से शरीर की रोगप्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है|
  4. श्वास-प्रश्वास धीमा, गहरा और लयबद्ध होना चाहिए| इनसे फेफड़ों के द्वारा समुचित मात्रा मे रक्त को ऑक्सीजन प्राप्त होता है|
  5. अपने विचारों को सकारात्मक बनाए| सकारात्मक विचार जीवन को आशावादी बनाते है|इससे तनाव से मुक्ति मिलेगी|
  6. यथोचित विश्राम करे| अत्यधिक व्यास्ततापूर्ण दिनचर्या के बाद मस्तिसक को आराम देना आवश्यक है|
  7. गरिष्ठ एवं गर्म पदार्थों का सेवन न करे| शोक, क्रोध, भय तथा चिंता आदि तथा अत्यधिक मानसिक चिंतन न करे|        

3. आयुर्वेदिक योग

दिन मे 2 बार ब्रमही रसायन 2-2 चम्मच दूध के साथ ले|

  1. अश्वगंधा चूर्ण 10 gm रोज दूध के साथ ले| यह मस्तिष्क के लिए बल कारक है|
  2. रात्री को सोते समय त्रिफला चूर्ण 10 gm पानी के साथ लेना चाहिए|
  3. ब्रमही, शंखपुष्पी, जटामांसी , आंवला, गिलोय का समान मात्रा मे चूर्ण तैयार करके लगभग 5 gm  रोज 2 बार गर्म दूध के साथ ले|
  4. students घी-दूध आदि पौष्टिक पदार्थ अधिक मात्रा मे लेने चाहिए तथा अनुशासित ढंग से नियम-संयम पूर्वक रहना चाहिए| ब्रमहवटी 2 गोली तथा सारस्वतरिष्ट 2 चम्मच भोजन के बाद दिन मे 2 बार तथा सुबह एक आंवले का मुरब्बा students के लिए अधिक लाभप्रद है|
  5. मस्तिष्क के पोषण के लिए ग्लूकोस,दूध , घी , बादाम , अखरोट आदि उपयोगी है|
  6. ब्रम्हीघृत नियमित सेवन करे| ब्राम्हीघृत बनाने के लिए  ब्राम्ही के पत्ती का रस 4 kg देशी घी 1 kg हल्दी, कूट, हर्रे, त्रिवृत, चमेली का फूल प्रत्येक 50gm , वच, सैन्धव, खांड प्रत्येक 15 gm ले| घी और ब्रम्ही के पत्ते के रस के अतिरिक्त सबको चूर्ण बनाकर छान ले| घी को आग पर चढ़ाकर गर्म करे, उसमे ब्रम्ही की पत्ती का रस और चूर्ण डालकर उबले|जब केवल घी शेष रह जाय तो उतार ले, यह ‘ब्रम्हीघृत’ है|
  7.  How to Improve Memory Power(स्मरण शक्ति)?

    To

    enhance memory power(स्मरण शक्ति), students should consume nutritious foods like ghee, milk, etc. in adequate quantities and maintain disciplined habits. Taking two tablets of Brahmi and two teaspoons of Saraswatarishta twice a day, along with a spoonful of Amla (Indian gooseberry) murabba in the morning, provides greater benefits for students.

  8.  Glucose, milk, ghee, almonds, walnuts, etc. are useful for brain nourishment. Regular consumption of Brahmi ghee is recommended. To prepare Brahmi ghee, take the juice of Brahmi leaves (4 kg), desi ghee (1 kg), turmeric, black myrobalan, haritaki, jasmine flower (each 50g), sweet flag, rock salt, and sugar (each 15g). Mix all the ingredients after straining the powder, heat the ghee on fire, add the juice and powder of Brahmi leaves, and boil. Once only ghee remains, remove it. This is called ‘Brahmi ghee’.  

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