stay healthy always-
- सुबह ब्राम्ह मुहूरत मे उठे,यह समय सूर्योदय से लगभग 48 min पहले होता है|
- सुबह वासी मुह भर पेट जल पीने की आदत डाले ,इसे उष:पान कहते है,यह बहुत से रोगों को दूर करता है| जल हमेशा बैठ कर पिए,खड़े-खड़े कभी न पिए|
- सुबह नित्य-कर्म से निर्वित होकर मैदान मे टहलने की आदत डाले ,कम -से-कम 2-3 km तक तेज चल से टहले|
- रोजाना सुबह 15-30 min तक हल्के व्यायाम अथवा योगासन अवश्य करे|
- रोज सुबह के नाश्ते मेअंकुरित आहार को शामिल करे| इसे ‘अमृतान ‘ कहते है|क्योंकि यह केवल सूर्य के रोशनी मे ही पकते है|इसमे चना ,मूंग,गेहू,मूंगफली,उड़द,मेथी तथा सोयाबीन है|इन्हे खूब चबा-चबाकर खाए तथा दूध पिए|दूध भी धीरे-धीरे छोटे-छोटे घुट बनाकर पिए|
- नियमित समय पर खूब चबा-चबाकर भोजन करे,दाँतों का पूर्ण उपयोग करे,दाँतों का काम आंतों से न ले,तथा भोजन मे लगभग 20-30 min का समय लगावे |रोटी को इतना चबाए की वह मीठी लगने लगे|जब वह लार के साथ मिलकर पेट मे जाएगी,तब सुपाच्य हो जाएगी,एवं अच्छी ऊर्जा देगी|इस तरह से भोजन करने पर आप कब्ज से बचे रहेंगे |
- दैनिक भोजन मे Salid को जरूर शामिल करे|
- भूख लगे तब ही खाए तथा वो भी 70%ही खाए था 30%खाली रखे|
- अनावश्यक बार -बार न खाए,तथा ठूस -ठुस कर न खाए,और भोजन मे किसी से होड लगाकर न खाए|पेट को कूड़ा घर न बनाए |
- दोनों समय भोजन करने के बाद यथासंभव कुछ देर आराम करे,नींद न ले|8 स्वास right करवट लेटकर ले तथा 16 स्वास सीधी करवट तथा 32 स्वास left करवट लेटकर ले |इस से पाचन ठीक होता है,तथा इसके बाद व्रजासन जरूर करे|दोनों घुटनों के बलपर बैठ कर हाथ घुटनों पर रखे|मेरुदंड सीधा रहे ,यह समान्य व्रजासन है|
- दोनों time भोजन के बाद मूत्र-त्याग करे,ऐसा करने से कमर मे दर्द नहीं होता,पथरी की सिकायत भी नहीं होने पाती है|
- दोनों भोजन के बीच मे केवल फल एवं जूस ही ले,और कुछ न खाए|
- दिनभर मे करीब 2.5 lit.2-3 lit. जल जरूर पिए|भोजन के साथ जल न पिए,केवल बीच-बीच मे 2-3 घुट ही पिए|भोजन के लगभग 1 घंटे पहले तथा 1 घंटे बाद ही जल पिए|
- चाय ,काफी ,सिगरेट,jarda ,पानपराग,भांग,चरस,गाँजा ,शराब,बीड़ी इत्यादि मादक एवं नशीली चीजों का कभी सेवन न करे|ये स्वास्थ्य के लिए जहर है|
- शरीर के किसी वेग को न रोके; यथा मल-मूत्र,छींक,जम्हाई,डकार,अपनवायु,भूख,प्यास,नींद,आशु इत्यादि|
- हरदम लंबी -लंबी स्वास लेने की आदत डाले|इस से अनेक बीमारिया स्वतः दूर हो जाती है|
- मूत्र त्याग करते वक्त दाँत जोर से भींच ले तथा मूत्र को पूर्ण वेग से न छोड़कर बीच-बीच मे रोक-रोक कर करे,ऐसा करने पर पौरुषग्रन्थि की सिकायत नहीं होगी एवं सिकायत होने पर कुछ हद तक ठीक हो जाएंगी|
- नहाने से पहले मूत्र त्याग जरूर कर ले|
- रोज रात को 9/10 बजे से पहले सोने की आदत डाले|
- सोते वक्त सिर हमेशा दक्षिण दिशा के तरफ कर के ही सोये|
रोज कितने देर व्यायाम करना चाहिए?
रोजाना सुबह 15-30 min तक हल्के व्यायाम अथवा योगासन अवश्य करे|
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