Aarogya Anka

स्वस्थ जीवन आरोग्य अंक /आयुर्वेद के साथ

आयुर्वेद दुनिया का प्राचीनतम चिकित्सा प्रणाली है Ιऐसा माना जाता है की बाद मे विकसित हुई अन्य चिकित्सा पद्धतियों मे इसी से प्रेरणा ली गई है Ιकिसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करने के खासियत के कारण आज अधिकांश लोग आयुर्वेद के तरफ जा रहे हैΙइस लेख मे हम आयुर्वेद चिकित्सा से जुड़ी हर एक रोग और उसके इलाज के बारे मे बताएंगे Ιआयुर्वेद चिकित्सा के साथ सभी प्रकार के जड़ी -बूटी के बारे मे तथा आयुर्वेद के 8 प्रकारों से हर तरह के रोगों के इलाज के बारे मे बताया गया हैΙ सभी पोस्टों को पढे ओर जानकारी अवश्य ले ताकि आप भी अपना जीवन आरोग्य के साथ healthy बना सके| thanks . 

काजू से कुछ रोगों के इलाज(Treatment of some diseases with cashew nuts)-

काजू(cashew) कैसे दिखता है?

→काजू का मूल उत्पति स्थान अमेरिका का उष्ण कटिबन्ध है|यह इंडिया मे भी समुन्द्रीक किनारों पर बहुत ज्यादा होता है|इसका पेड़ छोटे कद का होता है|इसकी शाखाये मुलायम होती है|इसके पत्ते खिरनी या कटहल के पत्ते के तरह होते है|इसमे एक प्रकार का गोंद भी लगता है जो पीला या लाल लिए हुए होता है|इसके फल मेवे के रूप मे सारे देश मे बिकते है|

cashew

→यह मेवा(काजू(cashew)) गर्म और तर होता है|यह शरीर को मोटा करता है, हार्ट को पावर देता है| वीर्य को बढ़ाता है, गुर्दे को ताकत देता है और दिमाग के लिए मुफीद है|अगर इसको बासी मुह खा कर थोड़ी सी शहद चाट ले तो दिमाग की कमजोरी मीट जाती है,सर्द और तर मिजाज वालों के लिए ये भिलावे के समान लाभदायक है|

उपयोगिता- काजू का फल कसैला ,मीठा और गर्म होता है|वात, कफ, अर्बुद, जलोदर,ज्वर, व्रण ,धवल-रोग और अन्य चर्म-रोगों को यह दूर करता है|यह कृमिनाशक होता है|पेचिश, बवासीर और भूख की कमजोरी मे लाभदायक है|इसके छिलके मे धातु परिवर्तन गुण होते है|इसके जड़ विरेचक मानी जाती है|इसका फल रक्ततिसार को दूर करने वाला होता है|इसके छिलके और पट्टी डटो के पीड़ा और मसूड़ों की सूजन मे सेवनीय है|इसका फल कोड़ और व्रण पर लगाया जाता है|यह प्रदाह को मिटाने वाला है|इसमे कारडोल और एनकार्डिक एसिड नाम के तत्व पाए जाते है|काजू का तेल विष प्रतिरोधक भी होता है|यह पेट और आंतों के ऊपर जमकर विषजनीत प्रदाह से रक्षा ही नहीं ,बल्कि उसके तेजी को नष्ट कर देता है|यह कई प्रकार के लेप और बाह्य प्रयोगों के लिए उतम है|

1. शरीर के मस्से– शरीर पर छोटे-छोटे काले मस्से हो जाते है,उनको जलाने के लिए छिलके का तेल लगाया जाता है|

2. उपदंश– उपदंश से पैदा हुआ फोड़ो या लाल चकतों को मिटाने के लिए इसका तेल सेवन करने योग्य है|

3. त्वचा की शून्यता– कोढ़ से उत्पन्न त्वचा की शून्यता भी इस तेल के लगाने से मिटती है|

4. बिवाई- इसके छिलके का तेल लगाने से पैरों के अंदर फटी हुई बेवाई मीट जाती है|

काजू के छिलके का तेल बहुत दाहक फफोला उठाने वाला होता है|इसलिए इसका प्रयोग सावधानी से करना चाहिए| 

 

काजू (cashew)एक बहुत ही विविध प्रकार का नट हैं जो लाभ प्रदान करता हैं। जैसा कि उनमें बहुत सारे पोषक तत्व भरे होते हैं, उनके लाभ हृदय रोग को रोकने, मांसपेशियों और तंत्रिका स्वास्थ्य में सुधार, मधुमेह (विशेष रूप से टाइप 2 मधुमेह) के जोखिम को कम करने से लेकर, कैंसर कीमोप्रवेन्टिव एजेंट के रूप में काम करना, महत्वपूर्ण लाल के विकास को बढ़ावा देना है। रक्त कोशिकाएं (आर बी सी) जो शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सीजन को पहुंचाने में मदद करती हैं, एनीमिया के खतरे को कम करती हैं, हड्डी और मौखिक स्वास्थ्य को बढ़ाती हैं, पित्त पथरी की घटना को रोकती हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाती हैं। जबकि कई लोगों काजू को कच्चा खाते है, उन्हें नमक के साथ भुना जा सकता है और अतिरिक्त सुंदरता और स्वाद के लिए किसी भी डिश में इस्तमाल किया जा सकता है। वे अधिकांश दुनिया भर के सुपरमार्केटों में आसानी से उपलब्ध हैं और इसलिए, इन्हे खरीदना कठिन नहीं हैं।

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