coconut:नारियल:-
हमारे देश मे पाए जाने वाले फलों मे नारियल अत्यंत उपयोगी फल है,जो भूख के साथ-साथ प्यास भी बुझाता है|इसे ‘ शुभफल ‘तथा ‘ श्रीफल ‘ भी कहते है|’श्री’ यानि लक्ष्मी का फल|भारतीय लोक-व्यवहार मे नारियल का विशेष महत्व है| यह मांगलिक फल माना जाता है| coconut गिरी,जल,तेल,फूल,तथा छाल आदि सभी के औषधीय उपयोग है|
1.नारियल गिरी -
- आयुर्वेद के अनुसार नारियल की गिरी शीतल, पुष्टिकारक,बलदायक,वात-पित और रक्तविकार नाशक होती है|यह देर से हजम होने वाली तथा मूत्राशय शोधक मानी जाती है|
- नारियल(coconut) की सूझी गिरी मधुर, पौष्टिक,स्वादिष्ट, स्निग्ध, रुचिकारक, बलवीर्यवर्धक तथा मलावरोधक होती है|नारियल मे उच्च कोटी का प्रोटीन रहता है|
- पकने पर नारियल के गिरी मे चिकनाई तथा कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बढ़ जाती है|
- नारियल की कच्ची गिरी मे अनेक एंजाइम होते है जो पाचन क्रिया मे मददगार होते है|बवासीर ,मधुमेह,गैस्टिक और पेप्टिक अल्सर मे यह रामबाण औषधि है|चेहरे की झुर्रियां मिटाने मे यह काफी सहायक है|कयोकी इसमे चिकनाई और स्टार्च होता है|नारियल की गिरी का दूध कुपोषण के शिकार बच्चों के लिए बहुत उपयोगी है|
- नारियल मूत्र साफ लाता है|पौरुष मे वृद्धि करता है, मासिकधर्म खोलता है,शरीर को मोटा बनाता है तथा मस्तिष्क की दुर्बलता को दूर करता है|
- मुंह मे छाले हो जाने या पान खाने से जीभ कट जानेपर सूखे नारियल की गिरी तथा मिश्री मिलाकर खाने से लाभ होता है|
- कच्चे नारियल(coconut) 25 gm गिरी महीन पीसकर अरंडी के तेल के साथ खाने से पेट के कीड़े निकाल जाते है|
- सुबह भूखे पेट नारियल खाने से नकसीर आणि बंद हो जाती है|
- नारियल गिरी, बादाम, अखरोट, पोस्ता के दाने मिलाकर सेवन करने से स्मरणशक्ति तथा शरीर की शक्ति बढ़ती है|
- नारियल(cocnut) गिरी मिश्री के साथ खाने से प्रसव-दर्द नहीं होता है तथा संतान गौरवर्ण एवं हाष्ट-पुष्ट होती है|
- नारियल गिरी और शक्कर मिलाकर खाने से आँखों के समान्य रोगों मे लाभ होता है|
- पुराने नारियल गिरी को पीसकर उसमे थोड़ी सी हल्दी मिलाकर उसे गर्म करके चोट-मोच पर बांधने से आराम मिलता है|नारियल की गिरी कब्ज दूर करने मे सहायक होती है|यह आंतों मे चिकनाहट पैदा करती है|
2. नारियल पानी-
कच्चे नारियल(coconut) को ‘डाभ’ कहते है| इसमे काफी मात्रा मे पानी रहता है|धीरे-धीरे इस पानी का कुछ भाग मुलायम गिरी मे बदल जाता है|फिर पानी सूखने से मुलायम गिरी कठोर बन जाता है|जिसे खोपरा कहते है|
- डिहाइड्रेसन को दूर करने का नारियल(coconut) पानी सबसे उत्तम द्रव्य है |
- इसका पानी अनिंद्रा की अवस्था मे लाभकारी है|
- नारियल पानी पीने से हिचकी दूर होती है तथा इससे पेट दर्द मे आराम मिलता है|
- पेशाब की जलन मे नारियल के पानी मे गुड तथा हरा धनिया मिलाकर पीने से लाभ होता है|
- नारियल पानी पीने से पेट साफ रहता है तथा पथरी निकल जाता है|
- नारियल पानी पीकर कच्चा नारियल खाने से पेट के कृमि निकाल जाते है|
- नारियल(coconut) पानी पीने से ज्वर का ताप कम होता है, यह तेज ज्वर को कम करता है|
- लू लग जाने पर नारियल के पानी के साथ कला जीरा पीसकर शरीर पर लेप करने से शांति मिलती है|
3. नारियल(coconut oil) तेल-
करीब 65% नारियल(coconut) खाने के काम आता है, शेष का तेल निकाला जाता है| 1000 फलों से करीब 250 kg खोपरा तथा करीब 100 liter तेल निकलता है|यह तेल 23-25 डिग्री सेल्सियस पर पिघलता है तथा इससे कम ताप पर ठोस जमा हुआ रहता है|
- तेल का करीब 20% खाने मे तथा जो बाकी है वो beauty product बनाने के काम मे लिया जाता है| इससे साबुन तथा मोमबती भी बनाई जाती है|
- नारियल तेल सुपाच्य होता है, यह खाने के तथा तलने के काम आता है|
- नारियल के तेल मे नींबू का रस मिलाकर मालिश करने से खुजली मिटती है, बालों का झड़ना तथा सफेद होन बंद हो जाता है|
- नारियल तेल मे बादाम पीसकर पीसकर सिर पर लगाने से सिर दर्द मिटता है|
- नारियल तेल बालों के लिए बहुत उपयोगी तथा गुणकारी है|हल्का होने के कारण इससे बाल चिपचिपाते नहीं तथा रूसी आदि की भी शिकायत दूर होती है|
- नारियल के तेल की मालिश नाखूनों पर करने से उनकी स्वभाविक चमक और आयु बढ़ती है|
4. नारियल के अन्य भाग-
- नारियल का फूल शीतल, मलावरोधक,स्तंभक, रक्त-पितनाशक, प्रमेहनाशक,रक्तातिसार एवं बहुमूत्रतानिवारक होते है|
- नारियल के वृक्ष की कोमल जड़ मूत्र विरेचक, शोथ, यकृत-विकार मे उपयोगी है|
- जड़ को पानी के साथ पीसकर पेडूपर गढ़ा लेप करने से पेशाब खुलकर आने लगता है|
- नारियल के कोमल पत्ते मधुर होते है, खाए भी जाते है| इन्हे उबालकर स्वादिष्ट शाक एवं रायता बनाया जाता है|
- नारियल की जटा श्वास संबंधी रोगों मे बहुत उपयोगी है|यह वमन नाशक तथा रक्तस्त्राव निरोधक होती है|
- दमा और खांसी मे नारियल की जटा की भष्म(राख) मे शहद मिलाके दिन मे दो-तीन बार सेवन करने से लाभ होता है|यह हिचकी रोग मे भी हितकारी है|
- शरीर के किसी भी भाग से बहते हुए खून पर जटा की भष्म लगाने से खून बंद हो जाता है|
- नारियल की जटा जला-पीसकर उसमे बुरा मिलाकर करीब 10 gm काफी पानी के साथ लेने से खूनी बवासीर मे लाभ होता है|
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