Aarogya Anka

स्वस्थ जीवन आरोग्य अंक /आयुर्वेद के साथ

आयुर्वेद दुनिया का प्राचीनतम चिकित्सा प्रणाली है Ιऐसा माना जाता है की बाद मे विकसित हुई अन्य चिकित्सा पद्धतियों मे इसी से प्रेरणा ली गई है Ιकिसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करने के खासियत के कारण आज अधिकांश लोग आयुर्वेद के तरफ जा रहे हैΙइस लेख मे हम आयुर्वेद चिकित्सा से जुड़ी हर एक रोग और उसके इलाज के बारे मे बताएंगे Ιआयुर्वेद चिकित्सा के साथ सभी प्रकार के जड़ी -बूटी के बारे मे तथा आयुर्वेद के 8 प्रकारों से हर तरह के रोगों के इलाज के बारे मे बताया गया हैΙ सभी पोस्टों को पढे ओर जानकारी अवश्य ले ताकि आप भी अपना जीवन आरोग्य के साथ healthy बना सके| thanks . 

Sugar और उपचार-

sugar के रोगियों को गोलियों पर या तो इंसुलिन पर निर्भर रहना पड़ता है|गोलियों का असर सिर्फ कुछ दिनों तक दिखाई देता है|जैसे-जैसे आयु बढ़ती है, एलोपैथी की गोलियां काम नहीं करती, फिर blood sugar , आंखे कमजोर होना, हृदय विकार होना, किडनी का कमजोर होना या काम करना बंद हो जाता है|

 sugar के मरीजों के लिए शरीर मे इंसुलिन बनना बंद हो जाता है| इसलिए बाहर से सवें डॉक्टर की सलाह से इंसुलिन लेना यानि पूरी तरह स्वस्थ रहना आवश्यक हो जाता है|

इंसुलिन तथा गोलियों पर से निर्भरता कम करने तथा पूरी तरह स्वस्थ रहने के लिए नीचे बताया हुआ उपाय अवश्य करे| इससे एलोपैथी की दवाइयों से होनेवाले विपरीत परिणामों से बच सकता है तथा आयु मे वृद्धि होती है|

अगर आप इंसुलिन या डाओलील , ग्लासिफेज या तत्सम गोलियां लेते हो तो उनकी पूरी तरह बंद करने के बाद तुरंत blood sugar की जांच कराए, खाना खाने के पहले तथा डेढ़ घंटे के बाद उसका रेकॉर्ड रखे| 

बाजार से अच्छी खुशबू वाला तेजपत्र (तमालपत्र) 250 gm लाकर उसको बार-बार पीसकर जितनी हो सके उसको बारीक आटे के जैसे पाउडर बना ले|उसे एक बंद डिब्बे मे रखे| 

रात को सोने से पहले एक चम्मच पाउडर 1 कांच के ग्लास मे डालकर उसके ऊपर तीन चौथाई ग्लास पानी धीरे-धीरे डाले तथा उसको ढक दे| सुबह उठकर कुल्ला करने के तुरंत बाद उसस ग्लास मे से ऊपर जमा हुआ जेली जैसा पदार्थ चम्मच से निकालकर बचा हुआ पानी बारीक कपड़े से छानकर वह पानी पी ले, उसके बाद आधा- 1 घंटा कुछ न ले|

दिन के खाने मे 2 रोटी, सब्जी, सलाद, दाल, अंकुरित चना, मटर की थोड़ी मात्रा मे हरी सब्जी एवं थोड़ा-स चावल लेना चाहिए|

 

sugar

1. शाम को 5 बजे थोड़ा-स नाश्ता, जिसमे एक गेंहू की रोटी ले ले| 

2. रात के खाने मे डेढ़ रोटी, दाल, सब्जी, थोड़ा चावल सेवन करे|

3. सोते समय आधे चाय के चम्मच से भी कम हल्दी पॉउडर एक कप गर्म पानी मे डालकर पी ले, उसके बाद ठंडा पानी या दूध न ले|

4. जैसी सुविधा हो , सुबह या शाम को कम-से-कम 20 से 40 मिनट खुली हवा मे योगासन-व्यायाम करे|

5. हर 3 महीने मे या जब भी ऐसा लगे की blood sugar कम हो गई है तो पैथालाजी मे जाकर जांच करा ले|

1. sugar मे इन बातों का अवश्य ध्यान रखे-

1. sugar के लिए प्लांट बेस्ड फूड खाएं

 

प्लांट बेस्ट फूड्स जैसे दाल, गोभी, बींस, मटर, मसूर की दाल, साबुत अनाज और जौ आदि का सेवन करें. आप डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स और सीड्स भी शामिल कर सकते हैं. इससे हाई ब्लड शुगर की समस्या नहीं होती है.

 

2. sugar को कंट्रोल करने के लिए गुड फैट का सेवन करें

 

डेयरी प्रोडक्ट्स, मीट, रिफाइंड ऑयल, डालडा, प्रोसेस्ड फूड, मक्खन, चीज इन सभी चीजों में बैड फैट होता है. इसका सेवन करने से बचना चाहिए. इसकी बजाय आपको ऑलिव ऑयल, सरसों का तेल, बादाम, सनफ्लावर तेल, मूंगफली का तेल इन चीजों को खाना चाहिए. इसमें गुड फैट्स होते हैं.

 

3. sugar कंट्रोल के लिए बाहर का खाना न खाएं

 

बाजार में मिलने वाले पैक्ड और प्रोसेस्ड फूड को खाने से परहेज करना चाहिए. यह फूड्स सेहत के लिए अच्छे नहीं होते हैं. इसकी बजाय घर का बना पौष्टिक भोजन खाएं.

2. मधुमेह(sugar) निवारक 4 अनुभूत योग-

solutions to some diseases ,(sugar)

मधुमेह (sugar(डायबिटीज) का रोग वर्तमानमें बहुत तीव्रगतिसे बढ़ रहा है। शारीरिक श्रमका अभाव तथा खान-पानमें असंतुलन इस रोगका सामान्य कारण है। शारीरिक व मानसिक श्रमका संतुलन बने रहनेपर मधुमेह नहीं सताता। भूख-प्यास बढ़ जाना, मूत्र अधिक तथा बार-बार होना, थकान बने रहना, त्वचा खुश्क एवं खुरदरी होना, चर्म-विकार-खुजली, फोड़ा-फुंसी होना, घावोंका शीघ्र न भरना, दृष्टिशक्तिकी क्षीणता, स्मृतिहास, मानसिक थकान, बालोंका झड़ना, लीवर खराब हो जाना आदि इसके लक्षण हैं। मधुमेहमें क्लोम ग्रन्थि (पैन्क्रीयाज)-रस (Insulin) का श्राव कम हो जाता है, कभी-कभी यह अत्यन्त कम हो जाता है। 

( इसके कारण पक्षाघात, हृदय-विकार, रक्तचाप, अदीठ (कारबंकल) आदि तथा पुरुषत्व-क्षीणताका लक्षण देखनेको मिलता है, इससे मधुमेहके रोगीका मनोबल गिरा रहता है। ऐसेमें मूत्र-शर्करा एवं रक्त शर्कराका परीक्षण करा लेना चाहिये। रक्त शर्करा (Blood Sugar Fasting) 80-120 mg. नार्मलरेंज तथा पी०पी० 160 तक नार्मल माना जाता है। जाँचसे यदि शर्कराकी मात्रा नार्मलसे अधिक हो तो नीचे लिखा हुआ औषधोपचार करना लाभप्रद होगा –

1. योग-

गुड़मारकी पत्ती 30 ग्राम, नीमकी पत्ती 30 ग्राम, तुलसीकी पत्ती 30 ग्राम, सदाबहारकी पत्ती फूल 30 ग्राम, बेलकी पत्ती 30 ग्राम, जामुनकी गिरी 50 ग्राम, तजकलमी असली 20 ग्राम, वंशलोचन असली 20 ग्राम, जायफल 10 ग्राम, जावित्री 10 ग्राम, इलायची छोटी 10 ग्राम, रूमी मस्तगी असली 10 ग्राम, बिनौलाकी गिरी 20 ग्राम, काली मिर्च 30 ग्राम, तेजपत्र असली 30 ग्राम, करेला बीज 20 ग्राम, मामज्जक (नाय) 30 ग्राम – इन सभीको सुखा ले और बारीक चूर्ण बनाकर रख ले।

मात्रा-

इस चूर्णको ३ ग्राम प्रातः सायं पानीसे ले। यदि गोली बनाना हो तो बबूलके गोंदके पानीसे ३ ग्रामकी बना ले। 1 गोली सुबह-शाम पानीके साथ ले।

2. योग-

अमृता (गिलोय), तुख्महयात (पनीरडोडे), असली चिरायता कड़वा, देशी बबूलकी छाल, गूलरकी पत्ती, गोरखमुंडी, अर्जुनके पत्ते- सभीको समान भागमें लेकर अधकुटा करके आठ गुने जलमें 24 घंटे भिगो दे। फिर काढ़ा बनाये, चौथाई पानी शेष रहनेपर छानकर पुनः पकाये, गाढ़ा हो जानेपर थोड़ी-सी पिसी हुई हलदीका चूर्ण मिलाकर १ ग्रामकी गोली बना ले।

मात्रा –

2 गोली प्रातः सायं मेथीके पानीसे ले। 10 ग्राम मेथी रातको आधा कप पानीमें भिगो दे, सुबह इसी पानीसे ले, शामको भी ऐसे ही ले।

3. योग-

असली शिलाजीत 20 ग्राम, त्रिबंगभस्म जी- 10 ग्राम, बंगभस्म 10 ग्राम, लौहभस्म 10 ग्राम, गिरी स्वर्णमाक्षिकभस्म 10 ग्राम, मकरध्वज या रससिन्दूर 10 ग्राम, अफीम 3  ग्राम, कपूर 3  ग्राम, असली सोनेका वर्क बड़ा 10 अदद, असली चाँदीका वर्क 60 अदद – सभीको खरलमें डालकर अदरकके रसकी 7 भावना दे तथा धतूरेके पत्तोंके रसकी 7 भावना दे [रसमें भिगोकर 8 घंटेतक रख दे, यही भावना है। भलीभाँति घोटकर 240 गोली बनाकर सुखाकर रख ले।

मात्रा-

2 गोली प्रातः तथा २ गोली रातको चीनीरहित दूधके साथ लें।

4. योग-

नीमकी पत्ती, गूलरकी पत्ती, सदाबहारकी पत्ती, सँभालूकी पत्ती, लाल मिर्च – सबकी चटनी पीस ले। इसमें तीन बूँद अमृतबिन्दुकी मिला दे तथा इसे अदीठव्रण (कारबंकल) पर लगाये। यह लेप कारबंकलका विष नष्ट करता है। शोधन एवं रोपण है। शुद्ध होनेपर पञ्चगुण तैलका फाया लगाना चाहिये। अंदरसे मधुमेहनाशक प्रयोग चलाते रहना चाहिये।

(अमृतबिन्दु, पिपरमेंट, सत अजवाइन, कपूरको बराबर लेकर शीशीमें रखें तरल होगा।)

आसन-व्यायाम

sugar (मधुमेह) के रोगीको प्रातः- भ्रमण बहुत लाभकारी है। 5-7  किलोमीटर घूमना अति उत्तम है। भस्त्रिकासन-हलासन एवं सर्वाङ्गासन सीखकर करना चाहिये। भस्त्रिकासन (लोहारकी धौंकनीके समान श्वास-प्रश्वास) करनेसे लाभ यह होता है कि इससे इन्शुलिन (Insulin) का निर्माण होता है।

पथ्यापथ्य- 

sugar (मधुमेह) में जौ-चना-गेहूँकी रोटी, पुराना चावल, मूंग-मसूर-चना-अरहरकी दाल, पत्तियोंकी सब्जी, परवल, बैगन-करेला आदि लाभदायक है। कंद शाक, मीठे फल, चीनी-चाय-कफकारक चीजें हानिप्रद हैं। स्थूल रोगियोंको मोटापा कम करना चाहिये, भार कम करना चाहिये।

जो लोग किसी अन्य पैथीकी दवा ले रहे हों, वे उसे धीरे-धीरे कम करें, लाभ पूरा होनेपर अन्य दवा छोड़ दें। औषधि रोगमुक्त होनेतक चलानी चाहिये। उसके बाद सामान्य उपचार जारी रखना चाहिये। शास्त्रीय योगोंका अनुभवी वैद्योंके परामर्शके अनुसार ही प्रयोग करना चाहिये।

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