गव्य पदार्थों के गुण और रोगनाश के लिए उनका उपयोग
गव्य पदार्थों(दूध,दही,मक्खन,छाछ,घी,गोमूत्र और गाय का गोबर )- 1. गाय का दूध- गायका दूध स्वादिष्ट, रुचिकर, स्निग्ध, बलकारक, अतिपथ्य, कान्तिप्रदः बुद्धि, […]
गव्य पदार्थों(दूध,दही,मक्खन,छाछ,घी,गोमूत्र और गाय का गोबर )- 1. गाय का दूध- गायका दूध स्वादिष्ट, रुचिकर, स्निग्ध, बलकारक, अतिपथ्य, कान्तिप्रदः बुद्धि, […]
बुढ़ापे:-old age healthy life: ‘कल्याण’ के लाखों पाठकोंमें वृद्ध लोगोंकी संख्या भी पर्याप्त होगी। उनमें भी बहुत से लोग ऐसे
वनस्पतियों का घरेलू उपयोग:uses of plants: मानव युगों-युगोंसे प्रकृतिके साहचर्यमें रहता आया है। उसने वनस्पतियों(plants)को नाना रूपोंमें अपने प्रयोगमें लाकर
फिटकरी(Alum)भस्म: फिटकरी एक प्रकार की खनिज मिट्टी से (जिसको अंग्रेजी भाषा में-‘एलमशोल’ तथा देसी भाषा में-शेल कहते हैं) तैयार होने
किसी भी जड़ी बूंटी/बनौषधि एवं फल-सब्जी आदि के अर्क में ओषध सार (तत्व) विद्यमान रहता है तथा रस अर्क-लघु (हल्का)
मनुष्यों को स्मरणीय 152 सर्वोतम मुख्य बाते- नीचे लिखीं 151 उत्तम बातें “चरक” के सूत्र स्थान से ली गयी हैं।
बालकोंके लिये यहाँ कुछ ऐसी दवाइयोंके नुस्खे लिखे जाते हैं, जिनका निर्भयरूपसे बालकोंकी बीमारीमें प्रयोग करनेसे निश्चित लाभ होता है।
नींबू का प्रयोग: uses of lemon: नींबू का प्रयोग विभिन्न रोगों मे किया जाता है- पथरी पथरी का दर्द नाखून
द्रव्य गुण: संसार के प्रत्येक द्रव्य पदार्थ में रस, गुण, वीर्य, विषाक और शक्ति ये 5 बातें होती हैं। ये
शर्बत प्रकरण- वर्तमान समय मे आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति मे शर्बतो के प्रयोग का चलन खूब बढ़ रहा है| इसको अनुपात