Aarogya Anka

स्वस्थ जीवन आरोग्य अंक /आयुर्वेद के साथ

आयुर्वेद दुनिया का प्राचीनतम चिकित्सा प्रणाली है Ιऐसा माना जाता है की बाद मे विकसित हुई अन्य चिकित्सा पद्धतियों मे इसी से प्रेरणा ली गई है Ιकिसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करने के खासियत के कारण आज अधिकांश लोग आयुर्वेद के तरफ जा रहे हैΙइस लेख मे हम आयुर्वेद चिकित्सा से जुड़ी हर एक रोग और उसके इलाज के बारे मे बताएंगे Ιआयुर्वेद चिकित्सा के साथ सभी प्रकार के जड़ी -बूटी के बारे मे तथा आयुर्वेद के 8 प्रकारों से हर तरह के रोगों के इलाज के बारे मे बताया गया हैΙ सभी पोस्टों को पढे ओर जानकारी अवश्य ले ताकि आप भी अपना जीवन आरोग्य के साथ healthy बना सके| thanks . 

25 home remedies (25 घरेलू नुस्खे)-

1. आँख के रोहे का काजल-

तूतिया को गुलाबजल मे पीसकर रख ले| सरसों के तेल के दीपक मे रुई की पती से काजल पार ले, बाद मे पीसा हुआ तूतिया- गुलाबजल मिला ले, हो सके तो पुराने गाय के घी मे फेंट ले| फिर रोहेवाले आँख मे लगाए|

2. प्रदर रोग-

  • शुद्ध शहद के साथ रोज आंवला चूर्ण चाटने से white discharge (श्वेत प्रदर) दूर होता है|
  • चावल की धोवन मे कपास की जड़ पीसकर पीने से श्वेत प्रदर दूर होता है|
  • घी के साथ लाख चूर्ण खाने से रक्त प्रदर दूर हो जाता है|
  • गूलर के सूखे फल का चूर्ण मिश्री के साथ सेवन करने से प्रदर रोग ठीक हो जाता है|
  • गूलर के पक्के फलों का साग बनाकर खाने से श्वेत प्रदर दूर होता है|

3. हृदय की जलन तथा पेशाब की जलन(heartburn and dysuria )-

गूलर के कच्चे फल खाने के उपरांत गाय का धरोष्ण दूध मिश्री मिलाकर पीने से हृदय की जलन, पेशाब की जलन तथा मूत्रजनीत रोग हमेशा के लिए दूर हो जाते है|

4. बहुमूत्रता(polyuria)-

सिंघाड़ा चूर्ण 11 gm 664 ml बकरी का दूध के साथ रोज सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है|

5. गुल्म रोग(वायुगोल)-

  1. गुग्गुल को गोमूत्र के साथ सेवन करने से लाभ होगा|
  2. अदरक, सहिजन की छाल और सरसों तेल – इन तीनों को मिलाकर गोमूत्र के साथ सेवन करने से वायुगोल समाप्त हो जाता है|

6. हाथी पाँव( श्लीपद)-

  • देवदार और हल्दी का चूर्ण गोमूत्र के साथ सेवन करने से हाथी पाँव ठीक हो जाता है|
  • गुरुच का रस गोमूत्र के साथ सेवन करने से हाथी पाँव ठीक हो जाता है|

7. तिल्ली(spleen)-

  • हर्रे का चूर्ण गोमूत्र के साथ सेवन करने से spleen (प्लीहा(तिल्ली)) कट जाता है|
  • रोज सुबह-शाम पपीता सेवन करने से तिल्ली कट जाता है|

8. मूर्छा रोग(दौरा)/ faint /coma-

  1. पेठा(भातुआ ) की सब्जी शुद्ध घी मे भूनकर खाने से दौरा(coma) दूर हो जाती है|
  2. नौसादर तथा चुने की पानी सुँघाने से मूर्छा दूर हो जाती है|

9. कृमि-

  • गाजर खाने से कृमि रोग दूर हो जाता है|
  • कृमि रोग मे पुदीना का काढ़ा देने से बच्चों को लाभ होता है|

10. कंठमाला(scrofula)-

  • त्रिफले के जल मे अरंडी(रेडी) की जड़ को पीसकर लगाने से कंठमाला रोग दूर हो जाता है|
  • गेंदे की पत्ती को गोमूत्र मे पीसकर लगाने से कंठमाला नष्ट हो जाता है|
  • सूरजमुखी और लहसुन के पुटली बनाकर लगाने से कंठमाला दूर हो जाता है|
  • गोमूत्र के साथ गलकुंभी का भस्म सेवन करने से कंठमाला नष्ट होता है| ये home remedies अवश्य try करे|

11. पतले दस्त(loose motion)-

  1. अमरूद के जड़ की छाल तथा कोमल पत्तों को 60 gm लेकर उसका काढ़ा बना ले, उसे पीने से पतले दस्त(loose motion) बंद हो जाते है|
  2. अशोक के फूल 40 gm पीसकर पीने से पतले दस्त बंद हो जाते है|
  3. गूलर का दूध बतासा मे डाल कर बच्चों को देने से उनका (मल)दस्त आना बंद हो जाता है|
  4. भुनी अजवाइन का अर्क पीने से पतले दस्त बंद हो जाते है|
  5. गाय के कच्चे दूध मे कागजी नींबू निचोड़कर पीने से मल(दस्त) चला जाता है| परंतु नींबू निचोड़ कर तुरंत पी जाना चाहिए| दूध पेटमे जाकर फटना चाहिए, देर होने पर जम जाएगा|
  6. धवई के फूल मट्ठे के साथ सेवन करने से पतले दस्त बंद हो जाते है| ये home remedies बहुत ही गुणकारी है| ये home remedies बहुत ही गुणकारी है|

12. पुरुष का हाष्ट-पुष्ट होना(muscular /stamina )-

  1. गोखरू, कौन्च का बीज, मुलहठी, शतावर, श्वेत मूसली, छोटो इलाईची के दाने , तालमखाना- इन्हे समान भाग लेकर कूटकर छान ले और रात मे सोते समय गाय के दूध के साथ सेवन करे|शक्ति बढ़ेगी और हृदय पुष्ट होगा
  2.  शतावर, गोखरू के बीज, कौन्च के बीज, गगेरन की छाल, तालमखाना, कंथी की छाल- इन्हे बराबर मात्रा मे लेकर कूट-छान ले  और रात मे सोते समय गाय के दूध के साथ सेवन करे|
  3. असली नागकेशर, वंशलोचन, शतगिलोय, मुलहठी, श्वेत राल, मरगमिहमी -सबको समान भाग लेकर कूटकर छान ले और रोज गाय के दूध के साथ सेवन करे|
  4. अश्वगंधा चूर्ण 11 gm 664 ml विधारा बीज 11 gm 664 ml प्रतिदिन गाय के दूध के साथ सेवन करे| ये home remedies बहुत ही गुणकारी है|

13. कील मुहासे(pimples)-

लवंग, धनिया और वर्च का लेप मुहासों(pimple) को दूर करता है|

14. कालापन(darkness)-

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हल्दी के चूर्ण को आक(मदार)के दूध मे मिलाकर चेहरे पर लेप करने से मुह का कालापन (darkness)दूर हो जाता है|

15. हृदयरोग(heart disease)-

  • अर्जुन की छाल रात मे 1 ग्लास पानी मे भिगो दे| सुबह दातौन करने के बाद छानकर पी ले| हृदयरोग(heart disease) जड़ से चला जायगा|
  • विजयशाल की लड़की के ग्लास मे पानी पीने से हृदय रोग मे आराम होता है|अगर लकड़ी हो तो उसे रात को 1 ग्लास पानी मे भिगो दे | फिर दूसरे दिन भी उसी लकड़ी को डालकर पानी मे उपयोग करे|

16. मधुमेह(diabetes)-

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शहदीया की जड़ 11 gm 500 ml साफ सुथरा कर उसमे 4-5 दाना काली मिर्च मिलाकर पीस ले, गाय का दूध 250 या 500 gm लेकर उसी के साथ निगल जाय|दातौन करने के बाद सुबह लगातार 21 दिन करना है| बीच मे gap नहीं करना है|परंतु गर्मी मे ही करना है, जाड़े मे करने से गठिया की बीमारी हो सकती है| 

17. बहता खून बंद करना-

काले कूकूरौधा के पत्ते का रस हाथ से निकाल कर कटे हुए स्थान पर डाले, बहता हुआ खून तुरंत बंद हो जाएगा|  ये home remedies बहुत कारगर है|

18. पेट के अंदर से खून आता हो-

सफेद दूर्वा(दूब) लेकर पीस ले| और उसे चीनी या गुड़ डालकर शर्बत बनाकर रोगी को पीला दे, खून फौरन बंद कर देगा| यह 2-3 बार देना चाहिए|

19. शरीर के अंदर से कट-कटकर खून कही से आता हो-

खस(कतरा) की जड़ , कमल का फूल और दूर्वा(दूब) , पुराने चावल( चावल जितना ही पुराना हो अच्छा होगा) कम-से-कम 1 साल का पुराना अवश्य हो)- के पानी मे पीसकर रोगी को 1 ग्लास जल मे शर्बत बनाकर पीला दे| खून तुरंत बंद हो जायगा| इसे 2-3 बार देना चाहिए|

20.जुए की दवा-

शरीफा की गुद्दी को निकालकर पीस डाले और उसे पानी मे घोल दे, सिर मे लगाए सभी जुए समाप्त हो जाएंगे|

21. पशु के पेट मे दर्द-

मदार का थोड़ा छिलका, आकाशबवर और थोड़ा गुड़ शुद्ध जल के साथ खिला दे| पेट का दर्द शांत हो जायगा| 

22.पशु रोग-

पशु को मूत्र , पैखाना  ज्यादे हो रहा हो और पेशाब शुद्ध न आता हो तो गम्हार की पत्ती पीसकर थोड़ा गुड़ और एक गुड़हल का फूल पीसकर पिलाने से वह ठीक हो जायगा| 

23. पशु का पेशाब रुकना-

गम्हार की पत्ती , गुड़हल का फूल पीसकर पिलाने से ठीक हो जायगा|

24. पशु का पेट फूल गया हो या पेट मे कोई गड़बड़ी हो-

फिटकरी और अजवाइन को पीसकर ठंडे पानी से 2 काड़ी ( जिससे पशु को दवा आदि पिलाई जाती है) दे देने से पेट साफ हो जायगा, पशु ठीक हो जायगा|

25. कही से भी खून आना-

खूनी बवासीर से हो, फेफड़े से हो,नाक से हो अथवा पेशाब से हो-

पंसारी की दुकान से लगभग 25 gm समुन्द्रशोष  ले आए उसकी बराबर 6 खुराके बना ले| सुबह-दोपहर-शाम पानी से निगले| पहली ही खुराक मे आधी खून बंद हो जायगी| लेकिन 2 दिन मे सभी दवा खिला दे| 

ये थे आज के कुछ home remedies. 

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