Aarogya Anka

आयुर्वेद दुनिया का प्राचीनतम चिकित्सा प्रणाली है Ιऐसा माना जाता है की बाद मे विकसित हुई अन्य चिकित्सा पद्धतियों मे इसी से प्रेरणा ली गई है Ιकिसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करने के खासियत के कारण आज अधिकांश लोग आयुर्वेद के तरफ जा रहे हैΙइस लेख मे हम आयुर्वेद चिकित्सा से जुड़ी हर एक रोग और उसके इलाज के बारे मे बताएंगे Ιआयुर्वेद चिकित्सा के साथ सभी प्रकार के जड़ी -बूटी के बारे मे तथा आयुर्वेद के 8 प्रकारों से हर तरह के रोगों के इलाज के बारे मे बताया गया हैΙ सभी पोस्टों को पढे ओर जानकारी अवश्य ले ताकि आप भी अपना जीवन आरोग्य के साथ healthy बना सके| thanks . 

Aasva-Arishta(आसव-अरिष्ट प्रकरण) in hindi

द्रवेषु चिर कालस्थं द्रव्यं यत्सन्धितं भवेत। आसवारिष्ट भेदेस्तु प्रोच्यते भेषजो चितम् ।। अर्थात् जल, क्वाथ, स्वरस आदि पतले पदार्थों में गुड़, चीनी, मधु आदि घोलकर-छायाफूल, बबूल छाल, महुआ (मधूक-पुष्प) आदि मिलाकर सन्धान करके रखने पर उनमें जो वस्तु चिरकाली स्थायी (बहुत समय तक रखने पर भी नष्ट न होने वाली) उत्पन्न होती है-यह ओषधोपयोगी है … Read more

पित्ताशय की पथरी(gall bladder stone) के लक्षण एवं उपचार in hindi

पित्ताशय (gall bladder)- उदरके दायी ओर ऊपरकी तरफ स्थित नवीं पसलीके पास यकृत्के निचले भागसे लगा हुआ लगभग 4 इंच लम्बा गाजरके समान आकृतिका पित्ताशय होता है। इसका मुख्य कार्य यकृत्में बने पित्तके एक अंशको इकट्ठा करना है। इसमें लगभग 45 सी०सी० पित्त जमा रहता है। जब भोजन आमाशयसे आगे बढ़ता है तो पित्ताशयके विक्षोभसे … Read more

गोक्षुरादि गुग्गुल(gokshuradi guggul)और त्रिफला गुग्गुल(triphla guggul) बनाने की प्रकरण तथा उपयोग

सबसे पहले हम जानेंगे की गुग्गुल क्या होता है ओर गुग्गुल का प्रकरण क्या होता है- *गुग्गुल(guggul) प्रकरण* ~आयुर्वेदीय चिकित्सा जगत में “गुग्गुल” का अत्यन्त ही महत्वपूर्ण स्थान है। समस्त (80) प्रकार के वायु रोगों में इसका कुशल वैद्यजनों द्वारा सफलतापूर्वक प्रयोग किया जाता है, लेकिन इसके सेवन से पूर्ण रूपेण लाभ तभी सम्भव है … Read more

marichyadi vati(मरिच्यादि वटी) or makardhvaj vati (मकरध्वज वटी) के मात्रा व उपयोग

सबसे पहले हम जानते हाई गुटिका/वटी क्या होता है और इसको कैसे तैयार करते है- ~गुटिका या वटी- ओषधियों को कूट पीस कर व कपड़छान करके शहद, गुड़, खाण्ड, आदि की चाशनी में मिलाकर अथवा ओषधियों को पानी, स्वरस अथवा क्वाथ आदि में पीस कर अथवा पाक करके जो गोलियाँ बनायी जाती है, उनको ही … Read more

चंदनादि वटी(chandnadi vati) और चंद्रप्रभा वटी(chandraprabha vati) प्रकरण, एवं उपयोग in hindi

*गुटिका/वटी (gutika /vati)या capsules- ओषधियों को कूट पीस कर व कपड़छान करके शहद, गुड़, खाण्ड, आदि की चाशनी में मिलाकर अथवा ओषधियों को पानी, स्वरस अथवा क्वाथ आदि में पीस कर अथवा पाक करके जो गोलियाँ बनायी जाती है, उनको ही गुटिका/वटी (गोलियाँ) कहा जाता है। गालियों को हाथ से बनाने पर वे छोटी-बड़ी भी … Read more

रोगों से मुक्ति का उपाय – विपश्यना(vipassana meditation) in hindi

शरीरको स्वस्थ रखनेके लिये तो हम शारीरिक व्यायाम करते हैं, परंतु मनको स्वस्थ रखनेके लिये कुछ नहीं करते। हमारा मन जब प्रदुष्ट होता है तो मनोरोग उत्पन्न होते हैं। मनको सर्वविध स्वस्थ और मनोविकारोंसे स्थायी रूपसे विरत रखनेकी कुंजी है- ‘विपश्यना’, जिसकी जड़ें तो भारतकी हैं, पर यह विद्या विदेशोंमें पल्लवित एवं पुष्पित होती रही … Read more

कब्ज(Constipation)- कारण निवारण और कोष्ठबद्धता या विबन्ध)in hindi

सामान्यतः ग्रहण किये गये आहारके पाचन एवं अवशोषणके बाद अवशिष्ट पदार्थ (मल) शरीरसे बाहर निकल जाना चाहिये। यदि ऐसा नहीं हो तो अवरुद्ध मल कब्ज का कारण बन जाता है। अव्यवस्थित तथा अनियमित आहार-विहारके परिणामस्वरूप आँतोंकी स्वाभाविक शक्ति नष्ट हो जाती है। वे दुर्बल हो जाती हैं और आहारके पाचन एवं मल विसर्जन दोनों ही कार्योंमें बाधा … Read more

अशोकारिष्ट:बनाने के विधि,मात्रा और उपयोग: Ashokarisht banane ke vidhi matra aur upyog in hindi-

सबसे पहले हम जानेंगे आसव -अरिष्ट का प्रकरण क्या होता है और कोई भी आसव और अरिष्ट बनाने की विधि और प्रक्रिया क्या होती है- द्रवेषु चिर कालस्थं द्रव्यं यत्सन्धितं भवेत। आसवारिष्ट भेदेस्तु प्रोच्यते भेषजो चितम् ।। 1. आसव-अरिष्ट मे भेद/अंतर- बिना क्वाथ बनाये हुए ही कच्चे जल में ओषधी और गुड़, चीनी व मधु … Read more

क्वाथ(काढ़ा) प्रकरण:kadha prakaran in hindi:

क्वाथ/ काढ़ा(kadha) 11 तोला (12 ग्राम) क्वाथ की ओषधि लेकर, उनका मोटा/दरदरा या अधकुटा (जौकुट या यवकूट) चूर्ण कर के मिट्टी के पात्र अथवा कलईदार बर्तन में 16 गुना पानी में मन्दी/धीमी आग पर पकावें। जब चौथाई भाग पानी शेष रहे, तब साफ-स्वच्छ सूची महीन कपड़े से छानकर सुखोष्ण यानी थोड़ा गर्म-गर्म रोगी को सेवन … Read more

घृत (घी) प्रकरण: घी बनाने की विधि इन Hindi

घृत( घी ) प्रकरण- घृत (घी) पाक करने में सर्वप्रथम मूर्च्छित करना पड़ता है। तदुपरान्त उसमें जल. क्वाथ, दूध आदि द्रव्य पदार्थ (जो योगानुसार डालने हों उनको) और ओषधियों का कल्क डालकर उसको पकाया जाता है। घृत सदैव गाय का ही लें। *घृत मूच्छित करना-   1 सेर गाय के घी को लेकर मन्दी आग … Read more